वन विभाग की ‘एक बूटा बेटी के नाम’ योजना का शुभारम्भ

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श्री जयराम ठाकुर, माननीय मुख्यमन्त्री हिमाचल प्रदश ने आज माउँटनियरिंग इंस्टीट्यूट मनाली में स्व० श्री अटल विहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के समारोह के दौरान हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली योजना “एक बूटा बेटी के नाम” का शुभारम्भ किया।

देश में जन्म लेने वाली हर बेटी के नाम उसके माता-पिता इस योजना के तहत पांच नए पौधे रोपित करेंगे। इस योजना के तहत 20 सितम्बर 2019 के पश्चात प्रदेशभर में पैदा होने वाली बेटी के परिवार को वन विभाग पांच पौधे, पांच ट्री गार्ड, बच्चे के नाम की पट्टिका, 20कि0 ग्रा0 केन्चुआ खाद व की तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाएगा।

माता -पिता रोपित करेंगे पांच पौधे

देश में जन्म लेने वाली हर बेटी के नाम उसके माता-पिता इस योजना के तहत पांच नए पौधे रोपित करेंगे। इस योजना के तहत 20 सितम्बर 2019 के पश्चात प्रदेशभर में पैदा होने वाली बेटी के परिवार को वन विभाग पांच पौधे, पांच ट्री गार्ड, बच्चे के नाम की पट्टिका, 20कि0 ग्रा0 केन्चुआ खाद व तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाएगा। जिस भी घर में बेटी का जन्म होगा, उसके माता पिता को वन विभाग के कर्मचारी स्वयं उपरोक्त सामग्री देंगे तथा माता पिता को किसी आवेदन की आवश्यकता नहीं है। पौंधों के रखरखाव का विभाग सुनिश्चित करेगा।

बेटियां होंगी जागरूक

इस योजना के द्वारा समाज को बेटियो के अधिकार के प्रति जागरूक करने व पौधे के प्रति प्रेम की भावना बढाकर एक और लिंग भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया जाएगा, वहीं दूसरी और पर्यावरण के मुद्दे के साथ भी जोड़ा जाएगा।आज सुबह पहले मनाली के नजदीक स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निवास स्थान प्रीणी में माननीय मुख्यमंत्री ने सात परिवारों जिनके घर बेटी ने जन्म लिया है को इस योजना के तहत पौधा व अन्य सामग्री वितरित की।

मुख्यमंत्री ने भेंट किए पौधे

इस अवसर पर हाल ही में पैदा हुई प्रीणी की अवीरूधि व सानवी, सुरू की राविया, काशला साहिनूर, वशिप्ट की दिपयांका व सामयारा एवं चाचोगा की काशवी के माता-पिता को माननीय मुख्यमंत्री ने पौधे व अन्य सामग्री भेंट की। बेटियों के अधिकार के प्रति हर वर्ग को जागरूक करना एवं पर्यावरण के मुद्दे से इन्हें जोडने के विचार को समाज तक पहुंचाने के लिए प्रदश सरकार ने एक बूटा बेटी के नाम योजना का शुभारम्भ किया है।

वन कर्मी की मौजूदगी में होगा पौधारोपण

इस योजना के तहत पौधे निजी भूमि, वन या स्मृति वाटिका में रोपित किये जा सकते हैं। पौधरोपण मॉनसून व शरद ऋतु में वन रक्षक या वन कर्मी की देख- रेख में किया जाएगा। यदि पौधा सूख जाता है तो नया पौधा उपलब्ध करवाया जाएगा। निजी भुमि पर रोपित पौधों के दोहन के लिए हिमाचल प्रदश भू-संरक्षण अधिनियम, 1978 की धारा 4 व धारा 7 के अन्तर्गत छूट दी जाएगी। स्मृति वाटिका तथा वनों में रोपित पौधों से फल, फूल व घास पती लेने का अधिकार रहेगा।

37500 बेटियों के माँ -बाप  -को बाटेंगे पौधे

आगामी साल में लगभग 37500 वेटियों के माता पिता को पांच-पांच पौधे व सामग्री वितरित की जाएगी जिनके द्वारा लगभग 1,97,500 पौधे किए जाएंगे। इस योजना के तहत अगले पांच सालों में लगभग 11,50,000 पौधे रोपित करने का अनुमान है ।

ये रहे उपस्थित

इस अवसर पर श्रीमति सरवीन चौधरी, माननीय शहरी विकास मंत्रो हि0 प्र0 श्री गोविन्द ठाकुर, माननीय वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मन्त्री, श्री राम सुभग सिंह अति० मुख्य सचिव वन, श्री अजय कुमार प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन बल प्रमुख एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे ।

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