हिमाचल को एक और नेशनल हाई-वे की मंजूरी का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा है। इसमें पठानकोट-भरमौर नेशनल हाई-वे को वाया होली, पठानकोट-मंडी नेशनल हाई-वे नंबर-154 से जोडऩे की बात कही गई है।
इस नेशनल हाई-वे की लंबाई करीब 160 किलोमीटर होगी और बैजनाथ के पपरोला तक पहुंचेगा। नेशनल हाई-वे की मंजूरी मिलती है, तो केंद्र सरकार इसे बनाने का पूरा खर्च उठाएगी।
फिलहाल, चंबा के होली और कांगड़ा के उतराला के बीच नाबार्ड के फंड से सडक़ प्रस्तावित है और इसकी मंजूरी पूर्व सरकार ने दी है। बैजनाथ की तरफ से सडक़ का निर्माण शुरू हो गया है। करीब दस किलोमीटर के इस पैच का काम इन दिनों चल रहा है।
राज्य सरकार इस मार्ग को बनाती है, तो करीब 100 करोड़ रुपए तक का खर्च आने की संभावना है, लेकिन यह मार्ग नेशनल हाई-वे में बदल जाता है, तो इसका निर्माण केंद्र सरकार करेगी। इसका कोई भी आर्थिक बोझ राज्य पर नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि चक्की से भरमौर तक नेशनल हाई-वे 154 का निर्माण किया गया है, लेकिन यह नेशनल हाई-वे भरमौर में आकर खत्म हो जाता है। अब राज्य सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया है।
केंद्र के भेजी रिपोर्ट में 49 ग्रामीण इलाकों का जिक्र है। इनमें 20 हजार से ज्यादा आबादी इस नेशनल हाई-वे से लाभान्वित होगी। भरमौर में जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा गांव दियोल खास, सुईया और गरोला हैं, जो नेशनल हाई-वे के मुहाने पर आएंगे।
सबसे कम 184 की आबादी क्वांरसी गांव में बताई गई है। बहरहाल, हिमाचल में नेशनल हाई-वे के इस प्रोजेक्ट पर अब केंद्र सरकार को फैसला करना है।
वहीं अजय गुप्ता, प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग ने बताया कि कांगड़ा और चंबा के बीच बैजनाथ से भरमौर तक नेशनल हाई-वे के विस्तार का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
पठानकोट के चक्की से भरमौर तक पहुंच रहे नेशनल हाई-वे 154 को पठानकोट-मंडी से जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर सहमति जताती है, तो प्रदेश को करीब 100 करोड़ रुपए के राजस्व की बचत होगी।
बैजनाथ को मणिमहेश से जोड़ेगा एनएच
राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में इस नेशनल हाई-वे को दो धार्मिक स्थलों के बीच में सेतू भी करार दिया है। दरअसल, बैजनाथ में भगवान शिव का सबसे बड़ा धाम है और भरमौर में मणिमहेश शिव की तपोस्थली है। नेशनल हाई-वे का निर्माण होता है, तो आसानी से यात्री चौरासी और मणिमहेश की यात्रा पूरी कर पाएंगे।
तीन दशक से चर्चा में होली-उत्तराला सुरंग
करीब तीन दशक तक भरमौर का यह इलाका होली-उत्तराला सुरंग को लेकर सुर्खियों में रहा है। कई विदेशी कंपनियों ने यहां सर्वे किया, लेकिन सुरंग निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो पाया।
होली से लाके वाली माता मंदिर तक सडक़ का निर्माण किया जा चुका है। बैजनाथ की तरफ से करीब दस किलोमीटर तक सडक़ का निर्माण शुरू किया गया है। लोक निर्माण विभाग इस सडक़ को नाबार्ड के बजट से बनाना चाहता है।