शिमला: जिला ऊना के गगरेट उपमंडल के तहत जाडला कौड़ी गांव में पुरातत्व काल समय के हाथी दांत अवशेष मिले है। हाथी दांत के अवशेष हजारों साल पुराने बताए जा रहे है।
इससे पहले हरोली के ईसपुर गांव में भी पुरातत्त्व काल के हाथी दांत के अवशेष, प्राचीन मूर्तियां व सिक्के मिल चुके है। जो कि कला संग्रहालयों की शोभा बने हुए है।
सोमवार को पुरातत्त्व विभाग की टीम ने ग्राम पंचायत जाड़ा कौड़ी का दौरा किया है। जिला भाषा विभाग अधिकारी नीलम चंदेल ने कहा कि हाथी दांत काफी समय पहले के लग रहे है।
अगर यह जीवाश्म विशालकाय हाथी के पाए गए तो इन्हें म्यूजियम में रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार गगरेट विकास खंड के तहत ग्राम पंचायत जाड़ला कौड़ी में स्थित मिडल स्कूल नागरवाला के मल्टी टास्क वर्कर पंकज कुमार व अंकित स्कूल से कुछ दूरी पर स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में माथा टेकने के लिए गए।
यह मंदिर जंगल के बीचों-बीच स्थित है। इस दौरान युवकों को मंदिर के समीप बारिश के चलते गिरी एक पहाड़ी के बीच से कुछ पत्थर के टुकड़े जैसे मिले। इसके बाद वह दोनों टुकड़ों को उठाकर स्कूल में ले गए और स्कूल में कार्यरत पीईटी राकेश कुमार को इसके बारे में बताया।
पीईटी राकेश कुमार ने बताया कि यह अवशेष काफी पुराने है और हाथी दांत जैसे प्रतीत हो रहे है। सूचना मिलते ही जिला भाषा विभाग अधिकारी नीलम चंदेल ने टीम सहित मौके का दौरा किया। अब पुरातत्त्व विभाग के पास इन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। -एचडीएम
संग्रहालय में रखे जाएंगे अवशेष
जिला भाषा अधिकारी नीलम चंदेल ने कहा कि ग्राम पंचायत जाड़ला कौड़ी में विशालकाय हाथी के जीवाश्म मिले है। इन जीवाश्मों की आगामी जांच करवाई जाएगी।
पता लगाया जाएगा कि यह जीवाश्म कितने साल पुराने है। इसके बाद इन्हें समूर कलां में बन रहे कला संग्रहालय में रखा जाएगा।