शिमला: कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है। ऐसे में अब जल्द ही भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा। ड्रोन सर्वे के माध्यम से टेक्रो फिजिबिलिटी रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है।
इसके बाद एक्सपर्ट वायबिलिटी को लेकर अपने सुझाव देंगे। इसके बाद कांगड़ा हवाई अड्डे की पट्टी से लेकर मांझी खड्ड पर पुल बनाने सहित इसकी लंबाई व चौड़ाई को निकाल कर एयरपोर्ट का पूरा डिजाइन तैयार हो जाएगा। इसी बीच तमाम सारी औपचारिक्ताएं पूरी होते ही ग्राउंड पर काम भी शुरू हो जाएगा।
सुरक्षा व पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माने जाने वाले कांगड़ा एयरपोर्ट का काम अब कागजी प्रक्रिया से बाहर निकल कर जल्द ही धरातल पर उतरता नजर आएगा। हवाई अड्डे के मौजूदा ढांचे सहित नए शामिल किए जाने वाले क्षेत्र की ड्रोन सर्वे से चप्पे-चप्पे को माप लिया गया है।
अब इसकी पूरी डिटेल रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू होगा और नए शामिल होने वाले एरिया में मांझी खड्ड पर बनने वाले पुल से लेकर तमाम सारे पहलुओं की प्रक्रिया पर भी काम चलाया जा सकेगा।
इस तरह से अब तमाम सारी औपचारिक्ताएं पूरी होने के साथ ही एयरपोर्ट को लेकर चल रही पेपर वर्क की प्रकिया पूरी होते ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होने की संभावनाएं है।
हालांकि क्षेत्र के लोग अभी उनके री-हैबिलिटेशन की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को विस्थापित होने वाले क्षेत्र के लोगों, कारोबारियों को बसाने की प्रक्रिया पर काम करना होगा। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान का कहना है कि सर्वे के बाद फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होगी, उसी आधार पर काम आगे बढ़ेगा। इस दिशा में प्रयास हो रहे हैं।
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हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को सुलभ और सुविधापूर्ण परिवहन के साधन उपलब्ध करवाने के लिए कार्य कर रही है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में हवाई परिवहन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए हाल ही में कई कदम उठाए गए हैं।
रामपुर, बद्दी, कांगनीधार (मंडी) और सासे (हिम और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान), मनाली में हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। इससे क्षेत्र में पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ सुविधा-संपन्न पर्यटक कम समय में हिमाचल के अनछुए पर्यटक स्थलों में पहुंच पाएंगे।
वहीं शिमला शहर में संजौली और सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट से हेली-टैक्सी सेवा भी जल्द शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, लाहौल एवं स्पीति, किन्नौर और ऊना जिलों को हवाई सेवा सुविधा प्रदान करने के लिए यहां हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा।
राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इन हेलीपोर्ट के निर्माण और विकास के लिए 30 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है।
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के अलावा मंडी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भी प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।
कांगड़ा हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई 1,372 मीटर से बढ़ाकर 3,010 मीटर करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले वित्तीय वर्ष के मध्य तक पूरी करने का लक्ष्य है। इससे बड़े जहाजों की लैंडिंग में सुविधा होगी