बादल फटने से हिमाचल प्रदेश में अब तक 700 करोड़ का नुकसान

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात व बादल फटने की घटनाओं से अब तक 700 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

उन्होंने कहा कि इस आपदा में सडकों, बिजली अधोसंरचना और पेयजल आपूर्ति योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के सभी सहयोगी अपने-अपने विभागों की समीक्षा बैठक लेकर नुकसान का आकलन कर रहे हैं और वह खुद दोबारा से प्रभावित एरिया का दौरा करने जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाए गए राहत कार्यों में मंडी जिले में 402 लोगों को बचाया गया है।

उन्होंने कहा कि वानिकी एवं बागबानी कॉलेज, थुनाग में फंसे 92 छात्रों और अध्यापकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। थुनाग के कई गांवों में एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गई हैं जो राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटीं हैं। लोगों की मदद करने का हरसंभव प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है

बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने में जुटा प्रशासन

सीएम ने कहा कि थुनाग क्षेत्र में 241 जलापूर्ति योजनाओं को क्षति पहुंची थी, जिनमें से 66 स्कीमों को अस्थायी तौर पर बहाल कर दिया गया है। मंडी जिले में अभी भी 164 सडक़ें अवरुद्ध हैं।

लोक निर्माण विभाग द्वारा सराज के प्रभावित क्षेत्रों में सडक़ बहाली के लिए 31 जेसीबी तथा तीन पोकलेन लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के सुराह गांव तथा अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

इसके अलावा थुनाग उपमंडल के रुकचुई, भराड़ और पियाला देजी गांवों में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।

एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें लगातार मोर्चे पर डटी हैं। अब तक थुनाग में 65 पीडि़तों को सुरक्षित रेस्क्यू कर प्राथमिक उपचार और चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करवाई गई है।

धर्मपुर में आपदा प्रभावितों के लिए राहत एवं खाद्य सामग्री का वितरण और आवश्यक सेवाओं को युद्ध स्तर पर बहाल करने का कार्य जारी है।

बारिश से बढ़ेंगी दिक्कतें

सीएम ने कहा कि प्रदेश में सडक़ों के साथ ट्रांसफार्मर और पेयजल स्कीमें भी बाधित हंै। राज्य के विभिन्न स्थानों पर 332 ट्रांसफार्मर और 784 पेयजल स्कीमें भी ठप चल रही है।

प्रदेश में अरगामी दिनों के दौरान भी भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। राज्य में अगर भारी बारिश होती है तो प्रदेश की जनता को एक बार फिर से भारी परेशाानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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