फॉरेस्ट गार्ड केस: पांच का पुलिस रिमांड, खुल सकते हैं कई राज

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मंडी के सेरी कतांडा जंगल में तैनाती के तीन माह बाद युवा वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या मामले की जांच की आंच अब वन विभाग के अधिकारियों तक पहुंच गई है। 24 घंटे तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद मामले में फंसे बीट ऑफिसर पर सस्पेंशन की गाज गिर गई है। उधर, वन विभाग ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है।

दैनिक अमर उजाला के अनुसार,  विभागीय जांच के घेरे में संबंधित बीट का डीएफओ और रेंज ऑफिसर समेत अन्य स्टाफ भी आ गया है। रविवार को बीओ समेत पांचों आरोपियों को जेएमआईसी कोर्ट करसोग में पेश किया गया। जहां से तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

गार्ड होशियार सिंह की डायरी में लिखे गए नामों के आधार पर शनिवार देर शाम चार आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद बीओ को धरा गया था। बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब पुलिस पूछताछ में कत्ल के राज खुल सकते हैं और कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। पुलिस ने पांचों आरोपियों की बैंक स्टेटमेंट, संपत्तियों का ब्योरा और फोन कॉल्स डिटेल भी खंगालना शुरू कर दी है।

वहीं, सुसाइड नोट वाली डायरी को भी पुलिस ने सील कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है। अरण्यपाल उपासना शर्मा ने कहा कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के 24 घंटे पुलिस हिरासत में रहने के बाद सस्पेंशन हो जाती है। उन्होंने कहा कि संबंधित बीट का डीएफओ, आरो समेत स्टाफ विभागीय जांच के दायरे में है।

पुलिस डायरी का मिलान मृतक की लिखावट से कराएगी। शीशी में मिला जहर वन रक्षक होशियार सिंह के शरीर में है या नहीं, बिसरे की जांच से इसका खुलासा होगा। पुलिस यह पता लगा रही है कि होशियार सिंह ने जहर निगला है या उस पर छिड़का गया है।

यह भी जांच होगी कि बीओ ने वन रक्षक को कैसे प्रताडि़त किया। क्या उनके साथ और लोग भी शामिल हैं। आरोपी हिस्ट्रीशीटर तो नहीं हैं। किसी प्रकार की अवैध कटान पर डीआर काटी गई है या नहीं। सहायक अरण्यपाल लायकराम हरनोट की अगुवाई में

संबंधित बीट में वन विभाग की टीम को भेजा गया है। उन्हें गहनता से संबंधित बीट का मुआयना करने के लिए कहा गया है। अगर इस बीट में कोई वन कटान पाया गया तो वन काटुओं पर तुरंत कार्रवाई होगी। टीम से तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है।

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