क्या है CAA, कैसे मिलेगी नागरिकता, कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए, कैसे करें अप्लाई? पढ़ें डिटेल

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देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) से संबंधित अधिसूचना जारी कर इसे लागू कर दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि अधिनियम से संबंधित नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे।

यह नागरिकता संशोधन नियम 2024 के नाम से जाने जाएंगे। ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। अधिसूचना में नागरिकता के लिए आवेदन करने के संबंध में नियमों की लंबी सूची भी जारी की गई है।

ऐसे मिलेगी नागरिकता

  • भारत में सिर्फ उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले हिंदुस्तान में आकर बस गए हैं। आवेदकों को भारत में आने के सभी जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे। इसमें वीजा, इमिग्रेशन, स्टेंंप सहित अन्य दस्तावेज शामिल होंगे। यानी संबंधित व्यक्ति ने कब भारत में एंट्री की थी।
  • इसके लिए एक वेब पोर्टल बनाया गया है। नागरिकता के लिए आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किया जाएगा और यह सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ सरकार द्वारा अधिसूचित राज्य स्तरीय समिति को किया जाएगा। इसके बाद अधिकार प्राप्त समिति सभी आवेदन पत्रों की जांच के बाद नागरिकता के संबंध में निर्णय लेगी।
  • ऑनलाइन फार्म में शेड्यूल-1ए के तहत 9 तरह के दस्तावेज इसमें शामिल किए गए हैं, जबकि शेड्यूल-1 बी के तहत 20 दस्तावेज और 1-सी के तहत शपथ पत्र यानी एफेडेविट देना होगा।
  • इसमें बताना होगा के वे इन तीनों देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं। इसके लिए उन्हें संबंधित देश यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का लाइसेंस, पासपोर्ट, बर्थ सर्टिफिकेट, जमीन से जुड़े दस्तावेज, बिजली-पानी बिल, पैन कार्ड, मैरिज सर्टिफिकेट यानी ऊपर दिए गए किसी एक दस्तावेज को दिखाकर नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है।
  • यदि किसी व्यक्ति के पास दस्तावेज नहीं है तो वह उसका कारण बता सकता है और अगर कोई डाक्यूमेंट्स है, तो उसकी जानकारी देनी होगी। इसके बाद वह संबंधित राज्य की नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकता है।
  • अगर किसी व्यक्ति का क्रिमीनल रिकार्ड है, तो उसे उसकी जानकारी देनी होगी। ऐसी स्थिति में संबंधित राज्य की सरकार फैसला करेगी कि उसे नागरिकता देनी है या नहीं।
  • नागरिकता हासिल करने के लिए यही जरूरी है कि संबंधित व्यक्ति को आवेदन करने की तारीख से पहले भारत में कम से कम 12 महीने रहा हो।
  • आवेदकों को यह घोषणा करनी होगी कि वे अपने मूल देश की नागरिकता त्याग रहे हैं और अब भारत को ही स्थायी निवास बननान चाहते हैं।
  • आवेदनकर्ता को अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ-साथ एक हलफनामा भी देना होगा। अधिसूचना में आवेदन पत्र का प्रारूप भी जारी किया गया है।

किसे मिलेगी नागरिकता

अधिनियम के अनुसार तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध एवं ईसाई छह धर्मों को मानने वाले ऐसे प्रवासियों को अवैध नहीं माना जाएगा, जो वैध दस्तावेजों के साथ नहीं आए हैं।

उन्हें भारत की नागरिकता का पात्र माना जाएगा और इसी उद्देश्य से भारत के विदेशी नागरिकों के पंजीकरण के प्रावधानों में कुछ बदलाव किये गए हैं। ऐसे लोगों के साथ अवैध प्रवासियों जैसा व्यवहार नहीं जाएगा।

इस लाभ को हासिल करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 से छूट दी जाएगी।

क्या कहता है 1920 का पासपोर्ट अधिनियम

1920 के पासपोर्ट अधिनियम में विदेशियों के पास पासपोर्ट होने का निर्देश दिया गया है, जबकि 1946 का विदेशी अधिनियम भारत में विदेशियों के प्रवेश और वापसी को विनियमित करता है।

अधिनियम के अनुसार नागरिकता प्राप्त करने पर ऐसे व्यक्तियों को भारत में उनके प्रवेश की तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा और उनके अवैध प्रवास के संबंध में उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्रवाई बंद कर दी जाएगी।

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