शिमला: छोटी काशी पर बड़ा संकट; भारी बारिश के बाद मंडी में हालात खराब

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मंगलवार रात व बुधवार को हुई भारी बारिश, बादल फटने ओर भूस्खलन से प्रभावित हुए मंडी जिला में हालत अभी भी खराब बने हुए हैं। दो दिनों में ही जिला में सात लोगों की मौत इन हादसों की वजह से हो गई है, जबकि एक युवती और महिला अभी भी लापता है।

सर्च आपरेशन के बाद दोनों का पता नहीं चला है। कई दिनों से सडक़ मार्ग से कटे गांवों के लिए राशन पहुंचाने के लिए प्रशासन को वायु सेना की मदद लेनी पड़ी है।

गुरुवार को इन गांवों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर के जरिए राशन भेजा गया। खोलानाल में बादल फटने से भंयकर नुकसान हुआ है। गांव के कई एक दर्जन से अधिक घर, करोड़ों का मंदिर, स्कूल, खेत खलियान तहस तहस हो गए हैं।

प्रशासान ने गांव को खाली करवा दिया है। यहां से 50 लोगों को निकालकर नगवाई में राहत शिविर में ठहराया गया है। इसके साथ ही जिला भर में 2039 लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है।

सराज के फहड़ गांव 16 मेगावाट का पटकरी पावर हाउस भी बाढ़ के कारण तबाह हो गया है। दो दिनों बाद भी मंडी-कुल्लू का सडक़ संपर्क पूरी तरह से बंद है।

मंडी कुल्लू वाया कटौला-बजौरा मार्ग भी बंद होने से दोनों तरफ एक हजार से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। इसके साथ मंडी पठानकोर्ट एनएच और मंडी रामपुर मार्ग को भी दो दिन बाद नहीं खोला जा सका है।

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जिला में इसके साथ 242 सडक़ें बंद पड़ी हुई है, जबकि दर्जनों गांव में पेयजल नहीं है। जिलाधीश ने बताया कि प्रभावित परिवारों को विभिन्न राहत शिविरों में ठहराया गया है, जहां उन्हें नि:शुल्क भोजन व ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि सदर उपमंडल में 640, सुंदरनगर में 97, गोहर में 140, पधर में 55, सरकाघाट में 368, बल्ह में 311, धर्मपुर में 65, बालीचौकी में 10, कोटली में 20, करसोग में 28 तथा जोगिंद्रनगर में 95 लोगों को राहत शिविर में ठहराया गया है।

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