अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के दूसरे फेज का निर्माण करीब 800 करोड़ रुपये से होगा। इसके लिए एम्स का निर्माण कार्य कर रही कंपनी और केंद्र सरकार के बीच बात चीत चल रही है।
हालांकि, अभी तय नहीं है कि वर्तमान कंपनी ही दूसरे फेज का कार्य करेगी या नहीं। पहले फेज का कार्य पूरा होने के बाद ही दूसरे फेज का कार्य शुरू किया जाएगा।
उप निदेशक एम्स बिलासपुर ले. कर्नल राकेश कुमार ने बताया कि पहला चरण 150 बेड से शुरू किया था। वर्तमान में संस्थान में बिस्तरों की संख्या 250 तक बढ़ा दी है। 31 जनवरी तक 350 करने का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में 39 सुपर स्पेशियलिटी और स्पेशियलिटी विभाग शुरू किए जाएंगे। 183 क्लीनिकल और नॉन क्लीनिकल फैकल्टी भरी जाएगी।
वर्तमान में इनमें 96 पद भरे जा चुके हैं। पहले चरण में 750 बेड को पूरा किया जाएगा। यहां कुछ पैरामेडिकल कोर्स शुरू होंगे। यह सभी काम पूरा होने के बाद दूसरे चरण का काम होगा। दूसरे चरण में 750 बिस्तर और बढ़ाएंगे। तीसरे चरण में भी इतने ही बेड होंगे। तीन चरणों में संस्थान का निर्माण पूरा होगा।
दूसरे चरण में 20 छोटे-बड़े भवन बनेंगे। जवाहर नवोदय विद्यालय के साथ लगती पहाड़ी को समतल कर भवन बनाएं जाएंगे। दूसरे चरण के काम के लिए एम्स का निर्माण कर रही एनसीसी कंपनी और केंद्र सरकार के बीच वार्ता चली है। एम्स में अभी मरीजों को डिजिटल रेडियोग्राफी और फ्लोरोस्कोपी की आधुनिक सुविधाएं मिल रही हैं।
शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक
शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक के उद्घाटन के बाद यह भवन मेडिकल विद्यार्थियों के लिए अत्याधुनिक शिक्षण सुविधाओं के साथ शैक्षणिक ब्लॉक के रूप में कार्य करेगा।
इसमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री के प्री. क्लीनिक विभाग, पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी और कम्युनिटी एंड फॅमिली मेडिसिन के पैरा क्लीनिक विभाग हैं।