छोटे शाही स्नान पर उमड़ा आस्था का महासैलाब

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उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का जन्माष्टमी पर्व के छोटे शाही स्नान के साथ सोमवार को आगाज हो गया है। दस घंटे और चालीस मिनट के शुभ मुहुर्त में अनुमानित चालीस से पचास हजार यात्रियों ने हल्की बारिश और धुंध के बीच आस्था की डुबकी लगाई है, जबकि रविवार और सोमवार को मिलाकर एक लाख के करीब श्रद्धालुओं द्वारा डल झील में पवित्र स्नान करने का अनुमान लगाया जा रहा है।

पवित्र डल झील में आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु

बहरहाल, सोमवार को सुबह से दोपहर तक श्रद्धालुओं का डल झील की ओर जाना-जाना लगा रहा। लिहाजा आस्था के इस समागम में इस वर्ष जन्माष्टमी पर्व पर उमड़ी भीड़ रिकार्डतोड़ मानी जा रही है।

हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की संख्या का अधिकारिक तौर पर आंकड़ा आना बाकी है। सोमवार तड़के मणिमहेश डल झील में तीन बजकर चालीस मिनट पर जन्माष्टमी का छोटा शाही स्नान आरंभ हुआ।

इस दौरान पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से आए यात्रियों की टोलियों ने अपनी-अपनी छडिय़ों को डल झील में स्नान करवाया और खुद भी आस्था की डुबकी लगाई।

वहीं देश के अन्य राज्यों और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों से डल झील पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी पवित्र स्नान कर यहां पर पूजा-अर्चना की।

अहम है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह, डोडा समेत अन्य हिस्सों से जन्माष्टमी के छोटे शाही स्नान में आने वाले यात्रियों का आंकड़ा चौंकाने वाला रहा है।

अमूमन हर वर्ष मणिमहेश यात्रा के दौरान राधाअष्टमी पर डल झील में होने वाले बड़े शाही न्हौण में जेएंडके के यात्रियों की संख्या अधिक रही है, लेकिन इस वर्ष पड़ोसी राज्य के श्रद्धालुओं का छोटे न्हौण में डल झील पहुंचने का रिकार्ड आंकड़ा रहा है।

उधर, मणिमहेश न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यवाहक एडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा का कहना है कि अनुमान के तौर पर दो दिनों में डल झील पर एक लाख के करीब श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में श्रद्धालुओं का सही आंकड़ा सामने आ पाएगा।

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