कर्मचारी हितों को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर प्रोमोशन का तोहफा देने जा रही है। जल्द ही 250 टीजीटी एवं लेक्चरर को हैडमास्टर के रूप में नियुक्ति दे दी जाएगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस फाइल को क्लीयर कर दिया है। अब शिक्षा विभाग पदोन्नत हुए हैडमास्टर के नियुक्ति पत्र जल्द ही जारी करेगा।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार 800 प्रिंसीपल भी प्रोमोट करने जा रही है और इन्हें प्रिंसीपल के रूप में पदोन्नति का तोहफा दिया जा सकता है।
प्रिंसीपल प्रोमोशन के लिए कैबिनेट ने पहले कार्मिक विभाग की राय लेने के बाद खुद शिक्षा विभाग के माध्यम से ही प्रोमोशन करने को कहा था, लेकिन कार्मिक विभाग ने सुझाव दिया था कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही डीपीसी की प्रक्रिया पूरी की जाए।
इसके बाद यह मामला दोबारा कैबिनेट में गया और कैबिनेट ने शिक्षा सचिव को इस डीपीसी को करने के लिए अधिकृत कर दिया।
अब शिक्षा सचिव राकेश कंवर की अध्यक्षता में प्रिंसीपल प्रोमोशन को लेकर बैठक होगी। सत्ता संभालने के बाद वर्तमान राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में खाली पदों को भर रही है और कई वर्षों तक पदोन्नति के लाभ से वंचितों को प्रोमोट किया है।
शिक्षा विभाग में कलस्टर सिस्टम के अलावा भी सीबीएसई स्कूलों को लेकर प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में हर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास अपना प्रिंसीपल हो, यह प्रदेश सरकार सुनिश्चित करने वाली है।
इसीलिए मुख्यमंत्री ने प्रिंसीपल प्रोमोशन की लंबी प्रक्रिया को छोटा करते हुए विभाग को ही डीसी करने को कहा है।
टांडा मेडिकल कालेज में नई भर्ती को मंजूरी
हिमाचल सरकार ने टांडा मेडिकल कालेज में सीनियर रेजिडेंट के 27 पद भरने की मंजूरी दी है। इसमें सबसे ज्यादा यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी और न्यूरोलॉजी में चार-चार पद हैं, जबकि अन्य पद रेडियोथैरेपी, सीटीवीएस, न्यूरोसर्जरी, एंडॉक्रिनलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी और न्यूक्लियर मेडिसिन के हैं।
यह भर्ती रेजिडेंट डाक्टर पॉलिसी 2025 के अनुसार की जाएगी। टीएमसी के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर का एक पद डाउन ग्रेड कर एसोसिएट प्रोफेसर किया गया है।




























