ऊना मुख्यालय के साथ लगते बसाल गांव में 44.12 करोड़ रुपए की लागत से इंडो डेनिश सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्ठ डेयरी केंद्र) का निर्माण किया जाएगा। यह सेंटर डेनमार्क की बाइगरी एंड टेक्नीक फर्म के सहयोग से खोला जाएगा। सेंटर में उन्नत किस्म की गउओं को रखा जाएगा।
यह उत्तर भारत का पहली उत्कृष्ठ डेयरी केंद्र होगा, जहां पर रोबोट व स्वचलित मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। यहीं नहीं, सेंटर में किसानों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। सोमवार को डेनमार्क की बाइगरी एंड टेक्नीक फर्म से हैलेज क्रोमन टीम सहित सर्वे करने के लिए जिला ऊना के बसाल में पहुंचे।
इस दौरान जिला ऊना पशुपालन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। सहायक निदेशक (परियोजना) डा. राजीव वालिया ने बताया कि बसाल गांव में डेनमार्क के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सेंटर बनाया जा रहा है। इस पर 44.12 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसमें से 12.92 करोड़ की राशि प्रदेश सरकार देगी।
इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए पशुपालन विभाग भी जुट गया है। प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए बसाल में 10 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। पहले चरण में डेनमार्क द्वारा उन्नत किस्म की 200 गउओं को उपलब्ध करवाया जाएगा। खास बात होगी कि इस उत्कृष्ठ डेयरी केंद्र में गउओं की खुराक रोबोट व स्वचलित मशीनों के जरिए दी जाएगी।
सेंटर में अत्यधिक दुग्ध उत्पादन करने वाली गउओं को रखा जाएगा। इसके अलावा यहां पर किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण सेंटर का भी निर्माण होगा। वहीीं होस्टल की सुविधा भी होगी। इस प्रोजेक्ट के स्थापित होने से क्षेत्र में डेयरी आधुनिकीकरण व दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
सोमवार को डेनमार्क की बाइगरी एंड टेक्नीक फर्म से हैलज क्रोमन व पशुपालन विभाग के उच्चाधिकारियों के बीच बैठक भी हुई। बैठक में उक्त परियोजना के क्रियान्वयन बारे विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डा. अविनाश शर्मा, उपनिदेशक डा. जय सिंह सेन, सहायक निदेशक डा. मुकेश महाजन, सहायक निदेशक प्रसार डा. उपिंद्र, सहायक निदेशक (परियोजना) डा. राजीव वालिया, डा. विनोद शर्मा उपस्थित थे। (एचडीएम)
पूर्व सरकार के कार्यकाल में मंजूर हुआ था प्रोजेक्ट
पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में उत्कृष्ठ डेयरी केंद्र प्रोजेक्ट कुटलैहड़ के लिए स्वीकृत करवाया गया था। यह प्रदेश का पहला डेयरी एक्सीलेंस सेंटर होगा। इससे पशु नस्ल में सुधार होगा। पशुपालकों को इसका भारी लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त मुर्रा फार्म की स्थापना भी की गई है।
जिससे मुर्रा नस्ल की भैंसों का यहां संवर्धन होगा। उन्होंने बताया कि बसाल में खुलने वाला उत्कृष्ठ डेयरी केंद्र क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क यूरोपियन देशों के दौरे के दौरान डेनमार्क के साथ एमओयू साइन किया था। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुटलैहड़ को भेंट करार दिया।