एक तरफ जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली प्रदूषण से बेहाल है, वहीं हिमाचल को बारिश का इंतजार है। शुष्क ठंड ने हिमाचल को सुखा कर रख दिया है। किसान फसल की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं, जबकि ग्राउंड वाटर लेवल भी कम होता जा रहा है।
इसी बीच एक राहत की खबर आ रही है। प्रदेश के ऊंचाई वाले भागों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम फिर बिगड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के पांच जिलों लाहुल-स्पीति, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर और कुल्लू के ऊंचे इलाकों में 30 नवंबर को हल्की बारिश-हिमपात का पूर्वानुमान है।
अगले सात दिनों के दौरान राज्य के बाकी हिस्सों में मुख्य रूप से शुष्क मौसम रहेगा। उधर, बीते दिनों हुई बर्फबारी से जनजातीय क्षेत्रों में शीतलहर बढ़ गई है।
राज्य के चार स्थानों का न्यूनतम तापमान माइनस में चल रहा है। अगले दो दिनों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
उसके बाद के तीन दिनों में राज्य के कुछ हिस्सों में लगभग दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी, वहीं राज्य के भाखड़ा बांध के जलाशय क्षेत्रों, बल्ह घाटी (मंडी) के कुछ हिस्सों में सुबह और सुबह के समय आगामी चार दिनों तक घना कोहरा छाए रहने का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य में नवंबर में सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इस अवधि के दौरान बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन व ऊना जिले में सामान्य से 100 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
जबकि लाहौल-स्पीति जिले में सामान्य से 96 फीसदी कम बारिश हुई है। इस अवधि के लिए प्रदेश में 15 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया, लेकिन वास्तव में 0.2 मिमी बारिश ही हुई।