हिमाचल ने हिम ऊर्जा की मदद से ग्रीन राज्य की ओर एक कदम बढ़ा दिया है। इसकी शुरुआत जनजातीय इलाकों से हुई है। करीब साढ़े तीन करोड़ के शुरुआती बजट से दूरस्थ इलाकों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। ट्राइबल सब-प्लान के तहत इन इलाकों को विद्युत व्यवस्था के साथ जोड़ा जा रहा है।
किन्नौर, लाहुल-स्पीति और चंबा जिला के भरमौर में ट्राइबल सब प्लान से 905 घरों को हिम ऊर्जा विभाग रोशन करने में लगा है। ये घर सडक़ से दूर और बर्फबारी प्रभावित इलाकों में हैं।
बर्फबारी से ठीक पहले हिम ऊर्जा विभाग ने करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की इस योजना पर काम शुरू किया था। अभी तक करीब 50 फीसदी घरों में 250 वाट के ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।
इन घरों का चयन राज्य सरकार के माध्यम से हुआ है। संबंधित क्षेत्र के विधायकों को चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।इससे पूर्व हिम ऊर्जा विभाग कांगड़ा के बड़ा भंगाल और कुल्लू के शाक्टी, मरौड़ और शुआड़ में ऐसे ही संयंत्र स्थापित कर चुका है।
हिम ऊर्जा विभाग ने कांगड़ा के दुर्गम इलाकों में 168 परिवारों को बिजली पहुंचाई है, जबकि कुल्लू में 58 घरों को 250 वाट ऑफ ग्रिड सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं।
अब हिम ऊर्जा के माध्यम से किन्नौर में एक करोड़ 45 लाख, लाहुल में 90 लाख, स्पीति में 85 लाख और भरमौर में 30 लाख रुपए की लागत से सोलर प्लांट स्थापित कर रहा है।
साल में चार से पांच महीनों तक इन क्षेत्रों में बिजली का संकट बना रहता है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत साढ़े तीन करोड़ रुपए आंकी गई थी।
उधर, हिम ऊर्जा विभाग के सीईओ राहुल कुमार ने बताया कि किन्नौर, लाहुल-स्पीति और भरमौर में कनेक्शन लगाए जा रहे हैं। लाभार्थियों की सूची तैयार है।
बर्फबारी के बाद इन घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू होगी। इसके बाद दूसरे चरण के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।