भानुपल्ली-बिलासपुर रेलवे लाइन पर बिलासपुर से आगे बरमाणा तक चार टनल बनेंगी। दो टनल नोग, एक बैहली बिला और एक बाड़ी से खतेड़ के लिए निकलेगी। रेलवे लाइन पर बरमाणा तक 20 टनल बनेंगी। शुरुआती दौर में सात टनल और पांच ब्रिज का काम चल रहा है।
छह टनल ब्रेक थ्रू हो चुकी हैं और थापना टनल मंगलवार को ब्रेकथ्रू हो जाएगी। सहायक आयुक्त एवं भू-अधिग्रहण अधिकारी गौरव चौधरी के अनुसार बिलासपुर से आगे बरमाणा तक चार टनल बनेंगी।
भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रक्रिया जारी है। रेलवे लाइन का काम तेजी से चल रहा है। जिला की पंजाब से सटी सीमा धरोट से लेकर बैरी बरमाणा तक लाइन की लंबाई 63.1 किलोमीटर है।
तीन चरणों की एफसीए क्लीयरेंस हो चुकी है, जबकि बिलासपुर से बरमाणा तक चौथे चरण की एफसीए क्लीयरेंस के लिए कार्रवाई जारी है।
इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि रेल पटरी की चौड़ाई 1.676 मीटर होगी, जबकि कालका-शिमला की पटरी की चौड़ाई एक मीटर है। ऐसे में पूरे हिमाचल में 1676 मिलीमीटर चौड़ाई की पटरी वाली यह पहली ब्रॉडगेज रेलवे लाइन है।
पंजाब से सटी बिलासपुर जिला की सीमा धरोट से लेकर बैरी बरमाणा तक रेलवे लाइन चार चरणों में कंपलीट की जाएगी।
यदि चौथे चरण की बात करें तो बध्यात से लेकर बरमाणा तक 10.885 किलोमीटर यानी कुल 11 किलोमीटर का एरिया है, जिसमें 12 हेक्टेयर जमीन वन विभाग के अधीन है, जिसकी एफसीए क्लीयरेंस होनी है।
इसके अलावा 45.31 हेक्टेयर निजी जमीन है, जिसे अक्वायर करने के लिए प्रक्रिया जारी है। चौथे चरण में बध्यात से लेकर बरमाणा तक कुल 2143 छोटे-बड़े पेड़ पौधे कटेंगे जिसमें से 1021 बड़े पेड़ हैं, जबकि 1082 छोटे पेड़-पौधे तथा 40 बांस हैं। (एचडीएम)
हिमाचल में 17, पंजाब में तीन सुरंगे
योजना के तहत बरमाणा तक 20 टनल बनेंगी जिसमें से 17 हिमाचल और शेष तीन पंजाब में प्रस्तावित हैं। बिलासपुर से बरमाणा के बीच में चार टनल बनेंगी। जकातखाना, बिलासपुर और बरमाणा में मुख्य जंक्शन होंगे।
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