कीरतपुर-नेरचौक एनएच के उद्घाटन की तैयारियों के बीच अब चर्चा उन सात प्रोजेक्ट की भी शुरू हो गई है, जिन्हें फोरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल पा रही है।
इन प्रोजेक्ट के शुरू होने में करीब पांच महीनों की देरी हो चुकी है। एनएचएआई ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए दिसंबर से पहले ही प्रस्तुत कर दी थी।
जनवरी में मंजूरी मिलने की संभावना थी। लेकिन मई के आखिरी हफ्ते तक यह प्रोजेक्ट बाहर नहीं आ पाए हैं। हालांकि पहले इनकी संख्या आठ थी, लेकिन इनमें से एकमात्र कैंथलीघाट से शकराल तक के प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल चुकी है। जबकि सात प्रोजेक्ट अभी भी फंसे हुए हैं। कालका-शिमला नेशनल हाई-वे के आखिरी हिस्से कैंथलीघाट से ढली तक का निर्माण दो भागों में होना है।
इनमें पहले भाग कैंथलीघाट से शकराल तक फोरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया पूरी हो गई है। गौरतलब है कि फोरलेन में बदले जा रहे इस हिस्से की कुल लंबाई 17.465 किलोमीटर है और 1844.77 करोड़ रुपए में मार्ग का निर्माण होना है। जबकि इसके अलावा शिमला-मटौर, पठानकोट-मंडी और कालका-शिमला एनएच पर शकराल से ढली के बीच हिस्से को मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
इनमें शकराल से ढली तक करीब 11 किलोमीटर एनएच का निर्माण होना है। इसके लिए 2070 करोड़ रुपए का बजट रखा है। इस हिस्से में तीन सुरंग और सात पुलों का निर्माण किया जाएगा। (एचडीएम)
अढ़ाई साल में पूरा प्रोजेक्ट
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने कहा है कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन का निर्माण पूरा हो गया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
7 प्रोजक्ट की फोरेस्ट क्लीयरेंस को बातचीत जारी है। कैंथलीघाट से शकराल तक का निर्माण शुरू हो गया है। अढ़ाई साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।