हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को अब आंखें स्कैन कर डिपुओं में सस्ता राशन मिलेगा। खाद्य आपूर्ति निगम ने इसका टेंडर फाइनल कर दिया है।
तमिलनाडु की कंपनी को यह काम दिया गया है। योजना लागू करने के लिए खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के साथ सॉफ्टवेयर को लेकर संपर्क कर रहा है।
विभाग का मानना है कि इस योजना के लागू होने से सस्ते राशन के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। वहीं, पॉस मशीनों में अंगुली लगाने का झंझट भी खत्म हो जाएगा।
नई योजना के अनुसार अब पॉस मशीन की जगह डिपुओं में मोबाइल की तरह एक उपकरण होगा। यह उपकरण डिपुओं में सस्ता राशन लेने के लिए आने वाले लोगों की आंखों को स्कैन करेगा।
सॉफ्टवेयर में पहले से फीड लोगों के आई प्रिंट मैच करने के बाद ही सस्ता राशन दिया जाएगा। खाद्य आपूर्ति विभाग के संयुक्त निदेशक रविंद्र ठाकुर ने बताया कि अब डिपुओं में आंखों को स्कैन करके राशन दिया जाएगा।
कंपनी को टेंडर जारी कर दिया हैं। उल्लेखनीय है कि खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर इस योजना को लागू करने के लिए ट्रायल भी किया गया है।
नए योजना लागू होने से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
डिपुओं में लगी पॉस मशीनें खराब होती रहती हैं। ऐसे में लोगों को राशन के लिए इंतजार करना पड़ता है। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए विभाग की ओर से नई योजना पर काम किया जा रहा है।