नगरोटा बगवां का नमन एयर शो के दौरान तेजस विमान हादसे में शहीद

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काँगड़ा जिला के नगरोटा बगवां की पंचायत पटियालकड़ के वार्ड नम्बर 7 निवासी युवा पायलट नमन सयाल (37) की शुक्रवार दुबई में फाइटर जैट तेजस क्रैश होने के कारण मौत हो गई।

शहीद नमन

नमन सयाल के पिता जगननाथ प्रिंसीपल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। नगरोटा बगवां के एसडीएम मुनीष शर्मा ने बताया कि युवा पायलट की पार्थिव देह रविवार को पहुंचने की सम्भावना है।

हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम के चेयरमैन आरएस बाली ने हैदराबाद बेस पर मृतक युवा पायलट के पिता जगननाथ से मोबाइल पर बात कर संवेदनाएं प्रकट कीं।

नमन सयाल की पत्नी भी पायलट के पद पर तैनात हैं। नमन सयाल हैदराबाद बेस पर तैनात थे। दुबई में तेजस के रिहर्सल के दौरान क्रैश होने से परिवार ने इकलौता बेटा खो दिया। नमन सयाल के आकस्मिक निधन ने पारिवारिक सदस्यों के साथ गांववासियों को झकझोर कर रख दिया है।

नमन स्याल की शहादत सैन्य जीवन का कठोर सत्य
दुबई में तेजस विमान दुर्घटना में शहीद हुए विंग कमांडर नमन स्याल की कहानी, सिर्फ एक सैन्य अधिकारी के बलिदान की नहीं, बल्कि एक ऐसे युवा परिवार के अचानक बिखर जाने की है, जिसने राष्ट्र सेवा के लिए खुद को समर्पित कर रखा था।

यह त्रासदी उस समय हुई, जब परिवार का हर सदस्य अपने-अपने मोर्चे पर देश की सेवा में जुटा था। विंग कमांडर नमन स्याल की पत्नी भी भारतीय वायुसेना में पायलट हैं।

वह इन दिनों ट्रेनिंग पर थीं। इस ट्रेनिंग की अनिवार्यता के कारण, दंपति की छोटी सी दुनिया की सबसे नाज़ुक सदस्य, उनकी छोटी बेटी की देखभाल की जिम्मेदारी माता-पिता ने उठाई थी। पिता जगन्नाथ स्याल और माताजी, अपने बेटे और बहू की राष्ट्र सेवा को समझते हुए अपनी पोती की देखभाल के लिए इन दिनों चेन्नई में थे।

यह व्यवस्था इस बात का प्रमाण है कि पूरा स्याल परिवार एक-दूसरे का सहारा बनकर वायुसेना के कठोर अनुशासन और जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा था।

विंग कमांडर नमन दुबई में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, उनकी पत्नी प्रशिक्षण में थीं और उनके माता-पिता चेन्नई में उनकी बेटी की देखभाल कर रहे थे।

यह सब एक व्यवस्थित और गर्व से भरी जि़ंदगी का हिस्सा था, लेकिन शुक्रवार दोपहर को आए एक फोन कॉल ने इस पूरे संतुलन को हमेशा के लिए तोड़ दिया।

पल भर में पति ने अपना जीवन देश के नाम कर दिया, पत्नी का प्रशिक्षण अचानक गम में बदल गया और माता-पिता की देखरेख में पल रही छोटी बेटी अपने पिता के स्पर्श से वंचित हो गई। माता-पिता का चेन्नई में होना यह दर्शाता है कि उन्होंने अपने बेटे और बहू के सपनों और कत्र्तव्यों को पूरा करने के लिए अपना निजी जीवन भी ताक पर रख दिया था। अब जिस बेटे के लिए उन्होंने इतना बड़ा त्याग किया, उसकी शहादत ने उन्हें जीवन का सबसे बड़ा दुख दे दिया है।

कांगड़ा के रहने वाले थे नमन
जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां के साथ लगते गांव पटियालकड़ के रहने वाले विंग कमांडर नमन स्याल का परिवार शुरू से ही देश सेवा को समर्पित रहा है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से आने वाले नमन ने अपने परिवार की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाया। नमन के पिता जगन्नाथ स्याल ने भी भारतीय सेना में सेवा की थी, जिसके बाद वे शिक्षा विभाग में प्रिंसीपल के पद से सेवानिवृत्त हुए। पिता की सेवा भावना ने ही नमन को वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

उनकी पत्नी भी भारतीय वायुसेना में पायलट हैं, जो इस परिवार के हर सदस्य की देश के प्रति अटूट निष्ठा को प्रमाणित करता है।

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