राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के राज्य क्रेडिट सेमिनार 2025.26 का आयोजन 23 जनवरी को शिमला में किया गया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के लिए 4224383 करोड़ की क्रेडिट क्षमता का अनावरण किया गया।
इसमें सबसे ज्यादा लघु छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए 21516 करोड़, कृषि ऋणों के लिए 16826 करोड़, फार्म क्रेडिट के लिए 15584 करोड़ और फसल उत्पादन मेंटेनेंस और मार्केटिंग के लिए 11265 करोड़ लोन में प्रस्तावित किए गए हैं।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा किया गया, जिसमें नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डा. विवेक पठानिया, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के उपमहाप्रबंधक पितांबर अग्रवाल और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक प्रदीप आनंद केसरी भी शामिल हुए।
अपने स्वागत भाषण में डा. पठानिया ने राज्य के आर्थिक विकास में नाबार्ड की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि कृषि और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नाबार्ड ने बैंकों और राज्य सरकार को 4000 करोड़ रुपए का वित्तीय सहयोग दिया है।
उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और कांगड़ा जिला के ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दूध प्लांट की स्थापना जैसे नए प्रयासों का उल्लेख किया, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया।
डा. पठानिया ने सहकारी समितियों के आधुनिकीकरण में केंद्र सरकार के साथ नाबार्ड की साझेदारी के बारे में बताया, जिसमें पहले चरण में 870 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण किया गया है और दूसरे चरण में 919 और समितियों को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने वित्तीय साक्षरता की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि 5ए500 से अधिक डिजिटल साक्षरता शिविर आयोजित किए गए हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के उपमहाप्रबंधक पितांबर अग्रवाल और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक प्रदीप आनंद केसरी ने सेमिनार में अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में नाबार्ड ने ग्रामीण विकास में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसान उत्पादक संगठनों, बैंकों और प्राथमिक सहकारी समितियों को सम्मानित भी किया गया।