मोदी लौटाएं हिमाचल के 12 हजार करोड़, कर्मचारियों ने यूपीएस और एनपीएस का किया विरोध

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हिमाचल में कर्मचारियों ने यूनिफाइड पेंशन और एनपीएस पेंशन स्कीम पर सवाल उठाए हैं। केंद्र सरकार से दोनों तरह की पेंशन को रद्द कर समूचे देश में ओल्ड पेंशन को लागू करने का आह्वान किया है। इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजने का सिलसिला समूचे प्रदेश में चलाए जाने की भी बात कही गई है।

साथ ही केंद्र सरकार से हिमाचल में ओल्ड पेंशन लागू होने के बाद एनएसडीएल से 12 हजार 30 करोड़ रुपए की वापसी का भी आह्वान किया है। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष और महासचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री को पत्र भेजने का क्रम शिमला से शुरू किया गया है।

इसमें प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले एनएसडीएल से 12 हजार 30 करोड़ रुपए की वापसी की मांग की है। भरत शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के बाद राज्य के कर्मचारियों और सरकार का एनएसडीएल में जमा 12 हजार 30 करोड़ रुपए से अधिक का अंशदान अभी भी एनएसडीएल के पास है। महासंघ ने मांग की है कि इस राशि को जल्द से जल्द वापस किया जाए, ताकि कर्मचारियों और राज्य सरकार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जा सके।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) और नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि देशभर में लाखों कर्मचारी नई पेंशन स्कीम और हाल ही में लागू की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनाइटेड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है। इसमें न्यूनतम दस साल की नौकरी करने पर दस हजार रुपए पेंशन देने की बात कही गई है।

जबकि 25 साल की नौकरी पर बेसिक वेतन का 50 प्रतिशत रिटायरमेंट के बाद पेंशन का भुगतान होगा, लेकिन एनपीएस कर्मचारी महासंघ का कहना है कि यह योजनाएं कर्मचारियों को उनके भविष्य के लिए सुरक्षित पेंशन की गारंटी नहीं देती हैं।

महासंघ ने मांग की है कि पुरानी पेंशन योजना को पूरे देश में लागू करने की जरूरत है। इसके लिए आवश्यक विधेयक लोकसभा में पारित किया जाए।

महासंघ ने आशा व्यक्त की है कि प्रधानमंत्री इन मांगों पर गंभीरता से विचार करेंगे और इनका शीघ्र समाधान करेंगे। महासंघ ने प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा है और ऐसे पत्र सभी जिलों से केंद्र को भेजने का फैसला किया है।

गुरुवार को पत्र शिमला उपायुक्त अनुपम कश्यप के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजा गया है। उपायुक्त ने इस पत्र को दिल्ली में पीएमओ को भेजने का आश्वासन दिया है।

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