लंपी वायरस से 11 हजार पशुओं की मौत,पशु पालकों को नहीं मिला मुआवजा

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शिमला : लंपी वायरस के कारण प्रदेश में 11 हजार पशुओं की मौत हुई हैं, लेकिन सरकार की ओर से पशुपालकों को कोई राहत नहीं मिली है। हालांकि पिछली सरकार ने पशु पालको को गाय की मौत 30 हजार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी, लेकिन एक रुपए भी नहीं मिले हैं। पशुपालकोंं ने नई सरकार से मांग उठाई है कि जिन पशुपालकों के पशुओं की लंपी वायरस के कारण मौत हुई हैं, उन्हें सरकार की ओर से राहत प्रदान की जाए।

पशुपालन विभाग की ओर से जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 1,38,573 पशु लंपी वायरस के कारण संक्रमित हो गए हैं। वहीं, पशुपालन विभाग की ओर से प्रदेश भर में 4,66,858 पशुओं को वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं।

लंपी शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, सोलन और चंबा जिला फैला हैं। लाहुल-स्पीति और किन्नौर में लंपी का अभी तक कोई मामला नहीं हैं। पशुपालन विभाग के निदेशक डा. प्रदीप शर्मा ने कहा कि लंपी से कमजोर पशु ज्यादा मर रहे हैं।

हिमाचल में अभी भी 9272 लंपी वायरस के एक्टिव केस है। पूर्व पशुपालन मंत्री ने राज्य आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत पशुपालकों 30 हजार रुपए मुआवजा देने की बात की थी, लेकिन महामारी घोषित न होने की वजह से पशुपालकों को मुआवजा नहीं मिला था।

हालांकि सरकार ने केंद्र सरकार से लंपी वायरस को महामारी घोषित करने की मांग उठाई थी, लेकिन न तो लंपी को महामारी घोषित किया गया और न पशुपालकों को मुआवजा मिल पाया।

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