शिमला : शिक्षा विभाग में टीजीटी, जेबीटी और शास्त्री के पदों पर बैचवाइज भर्ती के मामले में गत शनिवार हुई कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इनफॉर्मल डिस्कशन के तौर पर इस मामले को लगाया था। हालांकि एजेंडा नोट नहीं लगा था।
इसी चर्चा में कैबिनेट को यह जानकारी दी गई कि टीजीटी की लिस्ट तैयार है, लेकिन जेबीटी और शास्त्री के मामले में हाई कोर्ट से अनुमति लिए बिना नियुक्ति नहीं दी जा सकती।
कैबिनेट का मत था कि पहले हाई कोर्ट में आवेदन दायर कर परमिशन ले ली जाए। फिर उसके बाद नियुक्ति लिस्ट तीनों कैडर में एक साथ ही जारी की जाए। इसलिए सोमवार से शुरू हो रहे सप्ताह में एडवोकेट जनरल को यह आवेदन दायर करने के लिए कहा गया है।
हाई कोर्ट के रुख को देखते हुए सरकार इस पर अगला फैसला लेगी। यदि हाई कोर्ट से अनुमति मिल गई, तो अगली बैठक में कैबिनेट इसे मंजूरी भी दे सकती है। दूसरी तरफ काउंसिलिंग में सिलेक्ट हो गए हजारों अभ्यर्थी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में नौकरी फंसने के खतरे से डरे हुए हैं।
दरअसल कोड ऑफ कंडक्ट लगने के बाद इन्हें नियुक्तियां दिए जाने की संभावना कम है। भारत निर्वाचन आयोग इस तरह की अनुमति सामान्य तौर पर नहीं देता। यही वजह है कि ये अभ्यर्थी चाहते हैं कि लिस्ट जल्द जारी कर दी जाए। जेबीटी, शास्त्री और टीजीटी के तीनों वर्गों में करीब 2500 अभ्यर्थियों को बैच वाइज आधार पर नौकरी मिलनी है।
इलेक्ट्रीशियन-वैटरिनरी फार्मासिस्ट को भी इंतजार
कैबिनेट ने सितंबर 2023 में लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आए आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति की मंजूरी दे दी है। नियुक्ति के फार्मूले में भी कुछ बदलाव किया गया है।
इन्हें लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले नियुक्ति मिल भी जाएगी, लेकिन पशुपालन विभाग में वैटरिनरी फार्मासिस्ट और बिजली बोर्ड में इलेक्ट्रीशियन अभी भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
इनके परीक्षा परिणाम भी सितंबर और अक्तूबर महीने में घोषित हुए थे और संबंधित विभागों ने डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया भी पूरी कर दी है, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है।