मंडी : सात दिनों तक मंडी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव शनिवार को अंतिम शोभा यात्रा के साथ ही सम्पन्न हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने की।
उन्होंने देव माधोराय मंदिर में पूजा अर्चना कर पड्डल मैदान तक निकाली गई देव माधो राय की भव्य शोभा यात्रा जलेब में भी भाग लिया। उन्होंने इससे पहले बाबा भूतनाथ मंदिर में भी पूजा अर्चना की।
महोत्सव के अंतिम दिन शहर के चौहटा बाजार में चैहटा की जातर का आयोजन भी किया गया। जिसमें 200 से अधिक देवी देवताओं ने भाग लिया। लोगों ने भारी संख्या में चैहटा की जातर में पहुंच कर देवी देवताओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद हासिल किया।
मंडी जनपद के अराध्य देव देव कमरूनाग सेरी मंच पर लोगों को दर्शन देने के लिए विराजमान रहे। अपने अराध्य देव
कमरूनाग के दर्शनों के लिए सेरी मंच पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ लगी रही।
वहीं सात दिनों मंडी में प्रशासन व लोगों के घरों में मेहमान रहे देवी देवता और हजारों देवलू भी अपने अपने धाम व क्षेत्रों को लौट गए हैं।
उनके जाते ही मंडी शहर अब सूना हो गया है। सात दिनों देवध्वनियों से गूंजने वाली छोटी काशी अब वीरान सी हो गई है।
पड्डल मैदान में जनसमूह को संबोधित करते हुए राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार घोषणा पत्र में जारी की गई गारंटियों को पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महिलाओं को 1500 रुपए, 300 यूनिट बिजली फ्री, रोजगार सहित किसानों से दूध खरीदने जैसी सभी गारंटियों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने
कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा लगभग 75000 करोड़ रुपए का कर्ज राज्य पर छोड़ा है। जिससे राज्य की वित्तिय स्थिति प्रभावित हुई है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खु के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार आर्थिक संसाधन जुटा रही है ताकि राज्य की वितीय स्थिति को सुधार कर विकास की गति तेज किया जा सके।
उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों का भी प्रदेश के अन्य भागों की तरह एक बराबर विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को फल राज्य बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है ।
एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से प्रदेश के निचले क्षेत्रों को बागवानी से जोड़ा जा रहा है ताकि प्रदेश को फल राज्य बनाया जा सके और लोगों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके।
राजस्व मंत्री ने कहा कि मंडी शिवरात्रि ने पूरे विश्व में अध्यात्मिक प्रेरणा पुंज के रूप में अलग पहचान कायम की है। उच्च परंपराओं को संजोये शिवरात्रि महोत्सव समृद्वि, भाईचारा एवं प्रेमभाव को भी दर्शाता है।
शैव, वैष्णव व लोक आस्था के साथ लोक संस्कृति का यह अनूठा समागम सभी के लिए एक बेजोड़ अनुभव है। मंडी शहर हिमाचल प्रदेश के प्राचीनतम शहरों में से एक है जो विशेष तौर पर ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से अपनी अलग पहचान रखता है।
यहां स्थित प्राचीन एवं वैभवशाली मंदिर मंडी शहर को विशेष आकर्षण प्रदान करते हैं और इनके कारण ही मंडी को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि मंडी शिवरात्रि महोत्सव देव समाज का उत्सव है तथा इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सरकार की ओर से पहली मंडी शिवरात्रि महोत्सव में देव समाज पर एक करोड़ से ज्यादा की राशि दी गई है।
हम सबका यह दायित्व है कि हम अपनी संस्कृति एवं परंपराओं के प्रति सजग रहें और इन्हें संरक्षण प्रदान करें ताकि आने वाली पीढिय़ां भी अपने समृद्व अतीत पर गौरव अनुभव कर सकें।
उन्होंने कहा कि मेले और त्योहार लोगों को नई ऊर्जा प्रदान करते हैं और हमें इनमें सक्रियता से भाग लेना चाहिए और निस्वार्थ भाव से पीडि़त मानवता की मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाज से बुराइयों का उन्मूलन प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेवारी है। उन्होंने युवाओं से समृद्ध संस्कृति का सम्मान करने तथा इसे आगे बढ़ाने की अपील की।
इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वालों को भी पुरस्कार प्रदान किए।