शिमला : भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में अंतिम पग भरते ही 14 हिमाचलियों संग 343 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इनके साथ ही 12 मित्र देशों के 29 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए।
श्रीलंका के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल शेवेंद्र सिल्वा ने परेड की सलामी ली। शनिवार सुबह आठ बजकर 53 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ परेड शुरू हुई।
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास आउट होकर 343 कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट बनने वालों में सबसे ज्यादा 68 कैडेट उत्तर प्रदेश के हैं। दूसरे नंबर पर उत्तराखंड से 42 कैडेट अफसर बने हैं।
सैन्य अफसर देने में उत्तराखंड की यह लंबी छलांग है। आईएमए के खूबसूरत परिसर में परेड की शुरुआत सुबह 8 बजकर 53 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ हुई।
कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। जब युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलिकॉप्टरों से उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी।परेड के बाद आयोजित पीपिंग एवं शपथ समारोह में भाग लेने के बाद सभी जेंटलमैन कैडेट सेना में लेफ्टिनेंट बन गए।
इस मौके पर पश्चिमी कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीके मिश्रा समेत बड़ी संख्या में सैन्य अफसरों और कैडेटों के परिजन युवा जांबाजों के उत्साहवर्धन को मौजूद रहे।
आईएमए में बतौर परेड निरीक्षक शामिल हुए श्रीलंका के सीडीएस जनरल शेवेंद्र सिल्वा ने हिन्दी में ‘नमस्कार’ के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने भारत से श्रीलंका को मिलने वाले सहयोग की तरीफ की।
उत्कृष्ट परेड के लिए प्रशिक्षकों और कैडेटों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हजारों के बीच से चुनकर अकादमी पहुंचे, इन चुनिंदा युवाओं ने कड़े परीक्षण से अपने आप को अफसर के रूप में ढाला है। सेना में अफसर होना चुनौतीपूर्ण है। क्योंकि, मातृभूमि और जनता के प्रति प्रतिबद्धता चाहिए होती।
मातहतों से अपेक्षित आचरण बनाए रखना और भी अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। टीम से सफलता साझा करना और विफलता का सामना करना सच्चे लीडर की पहचान है। युद्ध और शांति की स्थिति में अलग-अलग स्ट्रेटजी के साथ काम करना होगा।
विदेशी कैडेट
भूटान से नौ, श्रीलंका-मालद्वीप से चार-चार, मॉरिसस से तीन, नेपाल से दो, बांग्लादेश, किर्गिजस्तान, म्यामांर, सूडान, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान व उज्बेकिस्तान से एक-एक।
यूपी ने दिए सबसे ज्यादा
उत्तर प्रदेश से 68, उत्तराखंड से 42, राजस्थान से 34, महाराष्ट्र से 28, बिहार से 27, हरियाणा से 22, पंजाब से 20, हिमाचल प्रदेश से 14, कर्नाटक से 11, जम्मू-कश्मीर-दिल्ली से 10-10 , पश्चिम बंगाल-केरल से 9-9, मध्यप्रदेश से 7, झारखंड-ओडिसा से 5-5, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश से 4-4, नेपाल मूल (भारतीय सेना) से 4, चंडीगढ़ से 3, गुजरात से 2, तेलंगाना, असम, मणिपुर, मेघालय व अरुणाचल प्रदेश से 1-1 हैं।