हिमाचल पथ परिवहन निगम यानी एचआरटीसी प्रदेश के सिर्फ तीन डिपो से ही वोल्वो स्टेशन से वोल्वों बसों का संचालन करेगा और रोटेशन के आधार पर वोल्वो बसें चलाई जाएगी। एचआरटीसी प्रबंधन शिमला, पालमपुर और कुल्लू से ही वोल्वो का संचालन करने जा रहा है।
एचआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि वोल्वो के बेहतर मैनेजमेंट और मेनटेनेंस को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। एचआरटीसी ने आदेश जारी किए है जिसमें सभी वोल्वों को स्टाफ सहित शिमला, पालमपुर और कुल्लू भेजने को कहा है।
एचआरटीसी के पास वर्तमान में करीब 100 वोल्वो बसें हैं, वहीं 11 वोल्वों बसें एचआरटीसी के बेड़े में और जुडऩे वाली हैं। प्रदेशभर में कई डिपो ऐसे हैं जहां से एचआरटीसी की एक या दो ही वोल्वो बसें चलती हैं।
इन डिपों में एचआरटीसी के पास मेंटेनेंस स्टाफ उपलब्ध नहीं है। मेंटेनेस के लिए शिमला कुल्लू या पालमपुर जाना पड़ता है। ऐसे में एचआरटीसी ने निर्णय लिया है कि वोल्वो के प्रदेशभर में तीन ही वर्किंग स्टेशन होंगे।
यहां से रोटेशन के आधार पर बसें चलाई जाएगी, ताकि एचआरटीसी के अन्य रूट प्रभावित न हो। बताया जा रहा है कि जैसे शिमला से सरकाघाट पर चलने वाली वोल्वो बस को शिमला से चलाया जाएगा।
पहले यहां से एचआरटीसी की बस शिमला-दिल्ली रूट पर जाएगी। वहां से सरकाघाट और सरकाघाट से वापस दिल्ली और फिर दिल्ली से शिमला आएगी। इसी तरह अन्य जगह भी ऐसी ही रोटेशन बनाकर वोल्वो अपने डिपो में पहुंचेगी।
वोल्वो बसों से आर्थिकी स्थिति मजबूत
एचआरटीसी की कमाई का मुख्य जरियां वोल्वो बसें ही है। हिमाचल से कई बाहरी राज्यों के कई रूटों पर एचआरटीसी बसें चल रही है। इन रूटों पर एचआरटीसी को अच्छी कमाई भी हो रही है। हाल ही में एचआरटीसी शिमला से कटरा के लिए भी बस सेवा शुरू की है।
इस रूट पर भी एचआरटीसी की वोल्वो बस की इनकम अच्छी है। इसके अलावा अलग-अलग जिलों से दिल्ली के लिए जाने वाले रूट भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं।
शिमला-हरिद्वार रूट भी एचआरटीसी के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा त्योहारी सीजन के दौरान इन बसों में एचआरटीसी की ओर से विशेष छूट भी प्रदान की जाती है।