दिसंबर में हिमाचल का जीएसटी कलेक्शन बढ़ा 25%, इतने कराेड़ का हुआ फायदा

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जीएसटी उगाही में बढ़ोतरी लगातार जारी है। दिसंबर महीने में भी आबकारी एवं कराधान विभाग ने रिकार्ड को कायम रखा है। दिसंबर तक 880 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जो बीते साल के मुकाबल 25 फीसदी अधिक है।

अकेले दिसंबर माह में ही विभाग ने 341 करोड़ रुपए जीएसटी जुटाया है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि विभाग ने दिसंबर में 341 करोड़ रुपए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण किया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में दिसंबर तक 4052 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 3172 करोड़ रुपए की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।

यह वृद्धि करदाताओं में कर अदायगी संबंधी अनुपालना में सुधार और विभाग के प्रशासनिक और नीतिगत प्रयासों सहित प्रवर्तन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण से संभव हो पाई है।

विभाग रिटर्न फाइलिंग में निरंतर सुधार, रिटर्न की तीव्र छंटनी, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करना और मजबूत प्रवर्तन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है।

विभाग ने वर्तमान वित्त वर्ष में अपने रोड चैकिंग अभियान में 10 लाख ई-वे बिल सत्यापित किए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि विभाग टैक्स अधिकारियों के ज्ञान में वृद्धि तथा क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
गत नौ माह के दौरान 450 कर अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। यह प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी।

दस लाख ई-वे बिलों की हुई जांच

जीएसटी संग्रह में इस बार ई-वेे बिल की अहम भूमिका रही है। विभाग ने प्रदेश भर में नाकों के दौरान दस लाख ई-वे बिलों की जांच की है। इस जांच में फर्जी पाए गए बिल धारकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

आगामी दिनों में भी विभाग ने एक जगह से दूसरी जगह माल ले जाने के दौरान ई-वे बिल को सुनिश्चित करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं। आने वाले दिनों में ई-वे बिलों की जांच को लेकर दबिश अभियान तेज होने वाले हैं।
इसके अलावा टैक्स हाट के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। उन्हें टैक्स अदायगी किस तरह से करनी है इसकी जानकारी बांटी जा रही है।

450 कर्मियों को ट्रेनिंग

विभाग अपने अधिकारियों और कर्मचारियों में दक्षता लाने के लिए उन्हें लगातार प्रशिक्षण दे रहा है। इस कड़ी में बीत नौ महीनों के दौरान 450 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

इस प्रशिक्षण में उन्हें जीएसटी संग्रह और ई-वे बिल समेत तमाम अन्य जानकारी दी जा रही है। विभाग पूरी तरह से ट्रेनिंग प्रोग्राम पर फोक्स कर रहा है भविष्य में इन प्रोग्राम को और अधिक बढ़ाया जाएगा।

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