हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों के मुकाबले प्राइवेट स्कूलों के बच्चे अंग्रेजी व हिंदी भाषा के शब्द अच्छी तरह पढ़ सकते हैं। एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट यानी ‘असर’ की रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं।
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के 11,000 से अधिक स्कूलों में यह सर्वे किया गया था। इसमें सामने आया है कि प्राइवेट स्कूलों के 37.1 प्रतिशत बच्चे और सरकारी स्कूलों के 23 प्रतिशत बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ अच्छी तरह पढ़ सकते हैं।
सरकारी स्कूलों के तीसरी कक्षा के 5.1 प्रतिशत बच्चे शब्दों को नहीं पढ़ सकते, जबकि 17.9 प्रतिशत बच्चे लैटर तो पढ़ लेते हैं, लेकिन शब्दों को नहीं पढ़ पाते। इस सर्वे के तहत पहली से 8वीं तक के बच्चे गणित में भी कमजोर पाए गए हैं।
पहली कक्षा के 15.7 प्रतिशत बच्चों को 1 से 9 तक के नम्बरों की पहचान नहीं है। दूसरी कक्षा के 3.6 प्रतिशत बच्चों को भी उक्त नम्बरों की पहचान नहीं है।
तीसरी कक्षा के 2.2 प्रतिशत बच्चों को भी 1 से 9 नंबर की पहचान नहीं है। तीसरी कक्षा के 16.8 प्रतिशत बच्चे 1 से लेकर 9 तक नंबर को पहचान तो लेते हैं लेकिन इसके बाद 99 तक नंबरों की उन्हें पहचान नहीं है।