शिमला : हिमाचल प्रदेश सचिवालय में सरकारी नौकरी के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले में पुलिस ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने नौकरी के नाम पर 25 युवाओं को ठग कर उनसे लाखों रुपये लिए हैं।
पुलिस ने मामले में मंगलवार को शिमला के कोटखाई निवासी आरोपी परीक्षित आजाद (28) को गिरफ्तार किया था। बुधवार देर रात सोलन के तीन, जोगिंद्रनगर और शिमला के जुन्गा के एक-एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले पुलिस ने मंगलवार देर रात विकासनगर स्थित मुख्य आरोपी परीक्षित आजाद (28) के किराये के मकान में छापा मारकर छह फर्जी नियुक्ति पत्र, प्रिंटर, लैपटाॅप, मोबाइल, लिफाफे, डायरी सहित अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
बुधवार को पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया है। अब जांच टीम पूरे प्रकरण में बड़े गिरोह के होने की आशंका को देखते हुए जांच आगे बढ़ा रही है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर आरोपी ने करीब 25 बेरोजगारों को ठगा है। इनमें से कई युवकों को नौकरी में ज्वाइन करने के लिए फरवरी और मार्च के नियुक्ति पत्र तक जारी कर दिए गए हैं।
मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक 19 फरवरी को जिला कांगड़ा के पालमपुर निवासी पारस चपरासी और अजय क्लर्क के नियुक्ति पत्र लेकर सचिवालय के विशेष प्रशासन विभाग के सामने पेश हुए थे।
जब पारस और अजय सचिवालय पहुंचे तो नियुक्ति पत्र फर्जी निकले। इसके बाद सचिवालय उप सचिव की ओर से मिली शिकायत के बाद दोनों युवकों से पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों से करीब 50 से 75 हजार रुपये खाते में डलवाकर आरोपी परीक्षित ने उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए थे।
इसके बाद छोटा शिमला थाना पुलिस टीम ने डीएसपी अमित ठाकुर के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी और तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के बाद बुधवार सुबह 4 बजे तक पुलिस ने परीक्षित के कमरे से फर्जी नियुक्ति पत्र बनाने से संबंधित सामान सहित अन्य दस्तावेजों को कब्जे में लिया है।
अभी आरोपी से और अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। डीएसपी ने बताया कि मामले के हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है।
किराये के मकान में ही तैयार किए जाते थे नियुक्त पत्र
आरोपी परीक्षित क्लर्क और चपरासी पदों के फर्जी नियुक्ति पत्र अपने किराये के मकान में तैयार करता था। इन्हें युवाओं को जारी कर उनसे 50 से 75 हजार रुपये तक ठगता था। परीक्षित अपने ही खाते में युवाओं से रुपये डलवाता था।
जांच टीम ने किराये के मकान से डीओ लैटर, काले, नीले, हरे और लाल पैन, डायरी सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके अलावा जांच टीम को डायरी में फर्जी नियुक्ति पत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं।
पुलिस की दबिश से पहले जला दीं स्टैंप
बताया जा रहा है आरोपी को पुलिस की दबिश की भनक लग गई थी। आरोपी ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही कुछ संदिग्ध सामान जला दिया था। इनमें सरकारी स्टैंप भी जली हुई हैं। पुलिस ने मौके से राख के सैंपल लेकर जांच के लिए फोरेंसिक लैब जुन्गा भेज दिए हैं।