राज्य सरकार अब हिमाचल में उन लोगों के रैंडम सैंपल लेगी जो कोविड-19 से पूरी तरह से ठीक होकर घर जा चुके हैं। प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे कुछ सैंपल लिए जाएंगे, जिसमें ये पता लगाया जा सके कि कहीं कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीज दोबारा तो संक्रमण की चपेट में नहीं आ गए हैं। बहरहाल अभी इस पर योजना बनाई जा रही है, कि किस तरह से ये संैपल एकत्रित किए जाएंगे। राज्य में अभी तक 17500 से ज्यादा लोग कोविड-19 से पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।
राज्य में इस समय कोरोना संक्रमण से ठीक होने का रिकवरी रेट 86 फीसदी हो चुका है। अभी तक प्रदेश में 20231 से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, इनमें से अभी भी 2400 के करीब मरीज एक्टिव है, जबकि मौत का आंकड़ा भी 300 के पास पहुंच गया है। ऐसे में सरकार अब कोविड-19 को लेकर और गंभीर हो गई है। वैज्ञानिक लगातार ये ही बात कर रहे हैं कि कोविड की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक हो सकती है।
ऐसे में हमें पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इसी को लेकर सरकार भी अब सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब ये निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में जो लोग कोविड से ठीक हो चुके हैं, उनके रैंडम सैंपल लिए जाएंगे, ताकि ये पता लगाया जा सके कि वे दोबारा तो संक्रमण की चपेट में तो नहीं आ गए हैं।
कांगड़ा और सोलन में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या
हिमाचल में इस समय कांगड़ा, मंडी और सोलन जिला में सबसे ज्यादा संक्रमित है। यहां पर संक्रमित मरीजों की संख्या सात हजार से ज्यादा है। दो जिलों में अभी तक 1000 के करीब एक्टिव मरीज है। मौतों के मामले में भी शिमला पहले स्थान पर है, जबकि कांगड़ा दूसरे स्थान पर है। दोनों जिलों में कोविड से अभी तक 125 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे, ताकि ये पता चल सके की वे दोबारा से कोरोना से संक्रमित तो नहीं हुए हैं। किसी भी जिला में कभी भी ये सैंपल लिए जाएंगे। सरकार कोविड-19 को लेकर गंभीर है। लोगों को भी मास्क और सैनिटाइज का प्रयोग करना होगा, ताकि इससे बचा जा सके।
डा. राजीव सेजल, परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री, प्रदेश सरकार