शिमला: मौसम परिवर्तन को लेकर जिस तरह से कुल्लू घाटी में बरसात के दिनों में ब्यास, पार्वती व सहायक नालों की बाढ़ से जानमाल का नुकसान होने लगा है उसके लिए क्षेत्र के लोगों ने सरकार को कुल्लू घाटी से तीन वैकल्पिक टनल निर्माण के लिए ध्यान आकर्षित किया है।
लोगों का कहना है कि वर्ष 1995 में आई बाढ़ से सरकारों ने कोई सबक नहीं लिया है। लोगों को फल व सब्जी सीजन जो कि जुलाई महीने से शुरू हो जाता है उस समय सडक़ों के तहस-नहस होने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हांलाकि भाजपा सरकार के दौरान कुल्लू की लगघाटी के भूभूजोत के नीचे से व बंजार क्षेत्र के जलोड़ी पास के नीचे से सुरंग को निकालने के लिए नेता भाषण देते आए हैं लेकिन इन दोनों प्राजेक्टों का शुभारंभ आज तक नहीं हो सका है।
अब लोग घाटी में बाढ़ त्रासदी को ध्यान में रखते हुए बजौरा से कटौला के लिए भी सुरंग निर्माण की मांग को लाने लगे है। कुल्लू-बजौरा व बंजार से निकलने वाली यदि तीनों टनलों के निर्माण को सरकार प्राथमिकता देती है, तो आने वाले समय में लोगों को मौसम परिवर्तन से होने वाले नुकसान से यातायात के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। -एचडीएम
बरसात की तबाही से बचाएगी सुरंगे
क्षेत्रवासियों का मानना है कि यदि कुल्लू घाटी में इन तीन टनलों का निर्माण हो जाता है, तो लोगों को कई दिनों तक सडक़ के खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इस वर्ष एनएच व वैकल्पिक मार्ग को बरसात ने जिस तरह से धोया है उससे लोगों को न भूलने वाला मंजर सदा के लिए दे गया है। लोगों का कहना है कि जिस तरह से एनएच का निर्माण हुआ है उससे बरसात ने गुणवता व स्थिरता को नंगा किया है।
यदि कुल्लू घाटी यातायात संपर्क बरसात के दिनों में बना रहना चाहिए उसके लिए जिला में तीन टनलों का निर्माण होना आवश्यक है।
किसानों-बागबानों को नुकसान से बचाएं
पतलीकूहल के राजन राणा, मोहन कपूर, घनश्याम कपूर, लालचंद, संतराम, अमरचंद, अमर सिंह, सुरेश शर्मा, प्रेम सिंह, मेहर सिंह, लालचंद व प्रदीप ठाकुर ने कहा कि यदि बरसात के दिनों में कुल्लू घाटी का संपर्क प्रदेश से न कटे, तो इसके लिए प्रदेश सरकार को इस वर्ष जुलाई में बाढ़ से हुई तबाही से सबक लेना चाहिए। सब्जी व फल सीजन में किसानों व बागबानों की फसल वाहनों व खेतों में न सड़े और उनकी आर्थिकी रीढ़ सलामत रहे।
टनल निर्माण की पहल करे सरकार
सरकार को चाहिए कि वह कुल्लू जिला के जलोड़ी जोत, लगवैली के भूभूजोत व बजौरा कटौला के लिए टनल का निर्माण करने में पहल करे, ताकि क्षेत्र के लोगों को परिवहन सुविधा के लिए अपनी जान को दाव पर न लगाना पड़े। लोगों का कहना है कि जिस तरह से एनएच इस बार की बरसात में पूरी तरह से धराशायी हुआ है उसकी गुणवता व स्ट्रक्चर की पोल भी बरसात ने दिखा दिया है।