केंद्रीय कर्मियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन

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सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में संशोधन की सिफारिशों के लिए मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के गठन के साथ-साथ उसके काम के दायरे और शर्तों को भी मंजूरी दे दी।

केंद्रीय कर्मियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की अध्यक्षता करते प्रधानमंत्री

आयोग को अठारह महीने में रिपोर्ट देनी होगी। प्रधानमंत्री के अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि उच्चत्तम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई आयोग की अध्यक्ष होंगी।

भारतीय प्रबंध संस्थान बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष को आयोग का अस्थायी सदस्य बनाया गया है और पेट्रोलियम एवंं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन इसके सदस्य सचिव होंगे।

आयोग 18 महीने में अपनी सिफारिशें देगा और जरूरी होने पर सरकार को अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय सुझबूझ का ध्यान रखेगा, ताकि सरकारी खजाने में विकास और जनकल्याण के लिए संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता भी बनी रहे।

आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी 2026 से लागू किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि हर दस साल में वेतन आयोग की सिफारिशें संशोधित की जाती हैं और पिछले वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू हुई थीं।

आयोग को सरकार की ऐसी पेंशन योजना के लिए वित्त के बारे में भी सिफारिश करने को कहा गया है, जिसमें कर्मचारियों को कोई अंशदान नहीं करना पड़ता है।

आयोग अपनी सिफारिश करते समय राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर भी ध्यान देगा क्योंकि उन्हें भी केंद्रीय आयोग की सिफारिशों के आधार पर अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतनमानों में सुधार करने होते हैं।

आयोग केंद्रीय उपक्रमों और निजी क्षेत्र में लागू वर्तमान वेतनमानों, अन्य लाभों और कार्य की शर्तों को भी ध्यान में रखेगा। सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की सैद्धांतिक मंजूरी इसी वर्ष जनवरी में दी थी।

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