मंडी : हिंदू धर्म के लोगों की आस्था के प्रतीक भगवान श्री रामचंद्र के मंदिर के निर्माण का इंतजार अब शीघ्र खत्म होने जा रहा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण हेतु विशेष पूजा व रुद्राभिषेक किए जा रहे हैं। मंदिर निर्माण के लिए छोटी काशी के ऐतिहासिक मंदिरों की मिट्टी और पवित्र झीलों और नदियों का पानी भेजा जाएगा।
हरमीत सिंह बिट्टू ने दी जानकारी
मंडी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष हरमीत सिंह बिट्टू ने ये शब्द कहे। जिला मंडी विश्व हिंदू परिषद ने केंद्र व प्रांत के निर्देशानुसार त्रिवेणी संगम रिवालसर झील, जिसके किनारे बौद्ध धर्म के गुरु पदमसंभव, हिंदू धर्म के ऋ षि लोमस तथा सिख पंथ के दसवें गुरु सतगुरु गोविंद सिंह जी ने यहां तप किया था। इसके चलते बौद्ध धर्म का गोम्पा, लोमश ऋ षि मंदिर और गुरु गोविंद सिंह गुरुद्वारा रिवालसर की मिट्टी व पवित्र जल लाया गया है।
इन स्थानों से भी जाएगा जल व मिटटी
इसके अलावा ऋषि पराशर की तपोस्थली पराशर झील का जल व मिट्टी, माता भीमाकाली मंदिर की मिट्टी मंडी, ऐतिहासिक गुरुद्वारा पड्डल की मिट्टी, जगन्नाथ मंदिर मंडी, श्रीराम मंदिर मंडी, सत बालाकामेश्वर मंदिर बहना, हनुमान मंदिर नागचला और बाबा भूतनाथ मंदिर मंडी की मिट्टी एकत्र की गई है, जिसे अयोध्या भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण हेतु भेजा जा रहा है।
स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी जाएगी सामग्री
यह पवित्र सामग्री स्पीड पोस्ट के माध्यम से अयोध्या भेजी जा रही है, जो जल्द ही अयोध्या पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल व छोटी काशी के लिए यह गर्व की बात है कि अयोध्या में निर्मित होने जा रहे भव्य श्रीराम मंदिर के लिए यहां का पवित्र जल व मिट्टी इस्तेमाल होगी।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद जिला मंडी के मंत्री विशाल ठाकुर, जिला गोसेवा सह प्रमुख राजेश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।