कैश पेमेंट होती थी मुख्यारोपी महिला को, एजेंट के भाई के खाते में पहले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से आता था पैसा

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कर्मचारी चयन आयोग में 23 दिसंबर को सामने आए जेओए आईटी भर्ती पेपर लीक मामले को दस दिन हो चुके हैं। विजिलेंस आठ लोगों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि एक दर्जन से अधिक सस्पेक्टेड लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

दो दिन पहले गिरफ्तार किए उमा आजाद के बड़े बेटे नितिन आजाद और एजेंट संजीव कुमार के भाई शशिपाल और उमा आजाद विजिलेंस रिमांड पर हैं। पेपर बेचने के धंधे में उमा के पास सीधे तौर पर कितना पैसा आया है इसका अभी सही अंदाजा नहीं लग पा रहा है।

बताते हैं कि पहले पैसा एजेंट संजीव कुमार के भाई शशिपाल के खाते में गूगल और योनो ऐप के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए आता था। अभी तक जो बैंक डिटेल जांच टीम के हाथ लगी है उसके अनुसार आरोपी शशिपाल के खाते में इस तरह की 40 से 50 लाख की ट्रांजेक्शन होने की बात कही जा रही है।

इनमें कभी 50 हजार तो कभी एक लाख की ट्रांजेक्शन होती रही है। बाद में यह पैसा कैश करवाकर एजेंट के थ्रू मुख्य आरोपी तक पहुंचाया जाता था। शशिपाल शिमला में प्राइवेट जॉब करता है ।

रविवार को आयोग के सचिव डा. जितेंद्र कंवर से विजिलेंस ने लंबी पूछताछ की। उधर, जांच टीम रविवार को एक बार फिर आयोग के कार्यालय पहुंची और वहां से मुख्य आरोपी का सारा सर्विस रिकार्ड कब्जे में लिया है। (एचडीएम)

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आज कोर्ट में पेश होंगे आरोपी

इस केस में मुख्य आरोपी आयोग की निलंबित कर्मचारी उमा आजाद, उसका बड़ा बेटा और एजेंट का भाई एक दिन के पुलिस रिमांड पर हैं। तीनों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जबकि एजेंट सहित पांच आरोपी 14-14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।

उमा के बड़े बेटे नितिन आजाद और एजेंट के भाई शशिपाल को दो दिन पहले ही विजिलेंस ने कस्टडी में लिया था। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से केवल उमा आजाद ही है, जिसका लगातार पुलिस रिमांड चल रहा है।

पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई, कोर्ट ने तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजे दो मुख्य आरोपी

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