मंडी से बहती ब्यास की लहरें 30 घरों में घुस गई हैं। इससे कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन पानी घुसने से लोगों का सामान जरूर बर्बाद हुआ है। सौली खड्ड में पांच घर खाली करवाए गए हैं।
इसके अलावा इंदिरा आवास कालोनी में दस घर, भ्यूली में 15 और कमांद में दस घर खतरे की जद में होने के कारण खाली करवा लिए गए हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे के तीन दिनों तक खुलने के आसार नहीं है।
एनएच में डयोड, दवाडा और झलोगी के पास सडक़ धंसने के साथ-साथ भारी लैंडस्लाइड हो रहा है। सैकड़ों वाहनों के पहिए थम गए हैं। कुछ वाहनों को वापस रवाना कर दिया है। कुल्लू-मनाली जाने के लिए वाया क मांद सडक़ मार्ग भी बंद है। यहां कन्नौज के पास लगभग पांच दिनों से सडक़ बंद है।
दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कुल्लू मनाली बाया कंमाद सडक़ पर तीन अन्य स्थानों राला, रोपा और कांडी में दरारें पड़ गई हैं, जिस कारण इस सडक़ पर वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद है।
एनएच-21 पर लगभग 3000 गाडिय़ां फंसी हुई हैं। पंडोह के कैंची मोड़ में लगभग 1000 गाडिय़ों को रोका गया है। औट थाना क्षेत्र में लगभग 1,200 गाडिय़ों के पहिए जाम हैं।
हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है। ऐसे में मंगलवार का जिला कुल्लू में भारी बारिश ने इस कद्र से अपना कहर बरपाया कि देखते ही देखते चंद घंटों में जिलाभर के करीब 28 घर, रेस्तरां, दुकानें, खोखेे, गोशाला ब्यास नदी में समा गए। वहीं, जगह-जगह हो रहे भूस्खलन के चलते करीब 40 से अधिक घरों पर खतरा मंडरा रहा है। अखाड़ा बाजार में कुल्लू में तीन दुकानें, दो निर्माधीन घर, सुरक्षा दीवार दो, गोशाला दो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त, आशिंक रूप से दो घर, ओल्ड मनाली में दस ढाबे और तीन मकान, वहीं बाढ़ में बाहंग के दो रेस्टोरेंट और चार दुकानें बह गई। ब्यास नदी का पानी कुल्लू के डोहलु टोल प्लाजा तक पहुंच गया।
बालीचौकी में दो मकान, 22 दुकानें जमींदोज
बालीचौकी में बारिश के कारण चार मंजिला दो मकान गिर गए हैं। साथ 22 दुकानें धराशाही हुई हैं। बालीचौकी में लैंडस्लाइड होने से धंसे इन मकानों के कारण एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
सडक़ें बंद होने से रिलीफ कैंप में ठहराए 600 यात्री
मार्ग बंद होने से लगभग 600 पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। लंबा जाम लगने से लोगों को खाने-पीने और ठहरने दिक्कतें न झेलनी पड़ी इसलिए प्रशासन द्वारा रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। मंडी और पंडोह के बीच नवोदय विद्यालय में ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहां 300 यात्रियों को खाने-पीने का प्रबंध भी किया गया है। पंडोह से औट थाना क्षेत्र के बीच फंसे यात्रियों को समसंग भवन नगवाईं में रहने और खाने पीने की व्यवस्था की गई है। यहां भी लगभग 300 लोग ठहर रहे हैं।
एचआरटीसी के 291 रूट ठप
एचआरटीसी के 291 रूट ठप हो गए हैं। मंडी डिवीजन में सबसे अधिक रूट कुल्लू में बंद हुए हैं। यहां 135 रूटों पर बसें नहीं चल पा रही हैं। केलांग डिपो के 54 व मंडी 40 रूट ठप हैं। डीएम एचआरटीसी उत्तम चंद के मुताबिक बारिश और लैंडस्लाइडिंग के कारण सडक़ें बंद होने से 251 रूट प्रभावित हुए हैं। इससे एचआरटी से एक ही दिन में 14 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
मनाली का कुल्लू से कटा संपर्क
मनाली का कुल्लू जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट चुका है। जगह-जगह सडक़ें ब्यास नदी में समा गई हैं। मनाली का वैली ब्रिज, लेफ्ट बैंक ब्रिज और ओल्ड मनाली को जोडऩे वाला पुल बह गया। ग्रीन टैक्स बैरियर के पास सडक़ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि बिंदु ढांक के पास मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा नदी में बह गया।
मनाली-लेह सड़क 15 दिन बंद
मनाली-लेह मार्ग पर अब लगभग 15 दिनों तक वाहनों की आवाजाही बंद रह सकती है। बता दें कि मंगलवार को कुल्लू-मनाली में भारी बारिश होने से ब्यास नदी का जलस्तर ब्यास कुंड से ही बढ़ता रहा।
ऐसे में नेहरू कुंड के पास जो सिंगल लेन रोड वाहनों की आवाजाही के लिए बीते दिनों बच गया था। अब वह भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गया है। ऐसे में मनाली लह-मार्ग की कनेक्टीविटी भी टूट गई है।
नेहरू कुंड के साथ साथ सोलंगनाला के आसपास भी बाढ़ आने से एनएच क्षतिग्रस्त हो गया है। मनाली से लेह जाने वाली गाडिय़ां भी मनाली की तरफ फंसी हुई है।
नेहरूकुंड के बीच की बात करे तो एनएच 03 शिरड़ रिजोर्ट के पास क्षतिग्रस्त हुआ है। पर्यटन नगरी मनाली की बात करे तो बोल्वो बस स्टैंड और भूतनाथ मंदिर के बीच भी काफी सारा हिस्सा ब्यास नदी में तबाह हो गया है।
310 मौतें, 2454 करोड़ का नुकसान
राज्य में बरसात के चलते जो नुकसान हुआ है उसका आंकड़ा 2454 करोड़ तक पहुंच गया है। मंगलवार की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार सात और लोगों की जान गई है।
इसमें बिलासपुर में एक, कांगड़ा में एक, किन्नौर में दो और सोलन में तीन मौतें बढ़ी हैं। कुल मौतों की बात करें तो बिलासपुर में 15, चंबा में 36, हमीरपुर में 16, कांगड़ा में 49, किन्नौर में 28, कुल्लू में 26, लाहुल-स्पीति में 8, मंडी में 51, शिमला में 28, सिरमौर में 14,सोलन में 21 व ऊना में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सडक़ हादसों के शिकार लोग भी शामिल हैं।
श्रीनयनादेवी में सबसे ज्यादा बारिश
पिछले 24 घंटों की बात करें तो श्रीनयनादेवी में सबसे अधिक 160.8 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। इसके अलावा भटियात में 125, मनाली में 102, धर्मशाला में 102,भुंतर में 77, चंबा में 74, गुलेर में 71.8, करसोग में 65.2, सुजानपुर टिहरा में 60,रोहडू में 60, जोगिंद्रनगर में 59, नादौन में 58.2, देहरा गोपीपुर में 57, बंजार में 57, सुंदरनगर में 51.3 एमएम बारिश सुबह तक रिकॉर्ड की गई है।
इनमें से कुछ स्थानों पर दोपहर में भी बारिश हुई। इसमें श्रीनयनादेवी, चुवाड़ी, मनाली, धर्मशाला, घमरूर, कांगड़ा, नगरोटा सूरियां, पालमपुर, कोठी, भरवाईं, भुंतर, सुजानपुर व शिमला में भी बारिश रिकार्ड की गई है।
शिंकुला में आधा फुट हिमपात
लाहुल-स्पीति के शिंकुला में सोमवार को रात के समय भी बारिश का क्रम जारी रहा। यहां पर आधा फुट तक हिमपात भी दर्ज किया गया है, जिससे समूचे लाहुल-स्पीति में लोगों को अभी से ही ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश से तबाही पर प्रतिभा सिंह चिंतित
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने प्रदेश में बादल फटने व भारी बारिश से हो रहें जानमाल के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से पूरी तरह सुरक्षित व सतर्क रहने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा है कि भारी बारिश की बजह से हो रहें भूस्खलन से प्रदेश के जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। लाखों करोड़ों की सरकारी और गैर सरकारी निजी संपत्ति पूरी तरह ध्वस्त हो गई है, जिसके पुनर्निर्माण की प्रदेश सरकार के समुख बहुत बड़ी चुनौती है।
इस चुनौती से हम सबको एकजुटता के साथ निपटना होगा। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सीमित संसाधनों के बाबजूद पूरी तत्परता से राहत कार्यो में जुटी है।
प्रतिभा सिंह ने पार्टी के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं से भी राहत कार्यों में प्रशासन का सहयोग करने व प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करने का आह्वान किया हैं।