घुमारवीं : रासायनिक खादों को दरकिनार कर सुभाष पालेकर विधि से प्राकृतिक खेती करने के लिए घुमारवीं का एक इंजीनियर नौकरी छोड़कर किसान बना है। घुमारवीं की मैहरी-काथला पंचायत के नियूं गांव के अजय रतन ने 40 हजार महीना की नौकरी छोड़ प्राकृतिक खेती शुरू करके रोजगार की तलाश में भटक रहे युवाओं के लिए मिसाल कायम की है। फार्म में अजय ने गन्ना, सरसों, अलसी, मटर, गेंहू (बंसी), प्याज, गाजर, गोभी, लहुसन, शलजम, चुकंदर व मसर सहित अन्य उत्पाद उगा रखे हैं। इन उत्पादों को बेचकर अजय रतन अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।
राज्यपाल से हो चुके हैं सम्मानित
प्राकृतिक खेती के लिए अजय रतन को पूर्व राज्यपाल आचार्य देवव्रत अनन्य सम्मान से पुरस्कृत कर चुके हैं। अजय रतन ने गांव में प्राकृतिक खेती का मॉडल फार्म 20 बीघा जमीन में तैयार कर रखा है। अंबुजा सीमेंट दाड़ला में जूनियर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अजय रतन ने प्राकृतिक खेती शुरू की है।
हाथों -हाथ बिक रही सब्जियां
उनकी सब्जियां और शुद्ध अनाज को लोग हाथों-हाथ खरीद रहे हैं। यह मॉडल फार्म किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रहा है। 44 साल के किसान ने प्राकृतिक खेती के मॉडल फार्म में गन्ना, सरसों, अलसी, मटर, गेंहू (बंसी) सहित कई सब्जियां उगा रखी हैं।
डेढ़ साल से कर रहे खेती
अजय रतन पिछले डेढ़ साल से प्राकृतिक विधि से खेती कर रहे हैं। अजय किसानों को प्राकृतिक खेती पंजीयन करवाने तथा प्राकृतिक उत्पादों की मार्केटिंग के टिप्स भी दे रहे हैं। अजय पूरे फार्म में प्राकृतिक खेती से सब्जियां व दालें सहित अन्य उत्पाद उगा रहे हैं। अब वह नौकरी से ज्यादा पैसे खेती से कमा रहे हैं।
20 बीघा भूमि माँ तैयार किया मॉडल फ़ार्म
घुमारवीं की मैहरी काथला पंचायत के नियूं गांव के अजय रतन ने 20 बीघा भूमि में प्राकृतिक खेती का मॉडल फार्म तैयार किया है। फार्म में अजय ने गन्ना, सरसों, अलसी, मटर, गेंहू (बंसी), प्याज, गाजर, गोभी, लहुसन, शलजम, चुकंदर व मसर सहित अन्य उत्पाद उगा रखे हैं। इन उत्पादों को बेचकर अजय रतन अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। जो कि रोजगार की तलाश में भटक रहे युवाओं के लिए मिसाल है।