शहीद सैनिकों के शव बुधवार को लोसर में पोस्टमार्टम के बाद सेना के चौपर से लिफ्ट कर पैतृक गांवों के लिए रवाना किए। साल 1968 में लाहुल-स्पीति की सीबी रेंज में स्थित ढाका ग्लेशियर में क्रैश हुए वायुसेना के जहाज में सवार लापता जवानों की सेना ने फिर से तलाश शुरू कर दी है।
29 सितंबर से सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। इसमें सेना ने चंद्रताल से स्टे सीबी रेंज की पहाड़ी पर स्थित ढाका ग्लेशियर से शहीद चार सैनिकों के शव बरामद किए हैं।
सेना ने लाहुल-स्पीति पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से भी मदद मांगी है। चंडीगढ़ से 98 सैनिकों और चार क्रू मेंबर के साथ लेह जा रहा एएन-12 विमान चंद्रताल के आसपास लापता हो गया था और 56 साल बाद भी 93 जवानों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।
बीते दिनों तलाशी अभियान में चार शव बरामद हुए। बुधवार को शवों को लोसर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद सेना के दो हेलिकाप्टर में पैतृक गांवों की ओर रवाना किए।
डीएसपी केलांग राज कुमार ने कहा कि चारों शवों को मंगलवार रात को ढाका ग्लेशियर से लोसर पहुंचाया गया था। लापता 93 जवानों को खोजने के लिए अभियान करीब एक सप्ताह तक चलने की उम्मीद है।
इस सर्च अभियान में भारतीय सेना के सुमदो से डोगरा स्काउट्स के 16 जवान और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू के तीन जवान शामिल हैं। डीएसपी केलांग राज कुमार ने कहा कि सेना ने 29 सितंबर से अभियान शुरू किया है।