शिमला : प्रदेश की तीन प्रमुख शहरों में रोप-वे नेटवर्क खड़ा करने के लिए सरकार को 2800 करोड़ रुपए की दरकार है। केंद्र सरकार से यह पैसा हिमाचल को मिलता है, तो शहरों में ऐसा नेटवर्क खड़़ा होगा, जिससे शहर की यातायात समस्या दूर हो जाएगी। इन प्रमुख शहरों में राजधानी शिमला, धर्मशाला व मनाली शामिल हैं।
तीन बड़े शहरों में है जरूरत
राज्य के ये तीनों बड़े शहर हैं, जहां यातायात की समस्या विकराल हो चुकी है और तभी सरकार चाहती है कि यहां आवागमन की सुविधा के लिए रोप-वे नेटवर्क जोड़ दिया जाए। इसका एक पूरा प्लान तैयार किया जा चुका है और प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया है। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के पास यह परियोजना है, जिस पर उसकी हां या फिर ना का राज्य सरकार को इंतजार है।
फरवरी में होगी कमेटी की बैठक
बताया जाता है कि वित्त मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक फरवरी में होने वाली है। इस बैठक में तय हो जाएगा कि हिमाचल के तीन शहरों के लिए रोप-वे नेटवर्क मंजूर होगा या नहीं, जिसके लिए 2800 करोड़ रुपए की दरकार है। इस प्रोजेक्ट का नाम अर्बन ट्रांसपोर्टेशन काम्प्रिहेंसिव प्रोजेक्ट है, जिसमें छह साल के बीच नया रोप-वे नेटवर्क इन शहरों में खड़ा कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत धर्मशाला में 23 किलोमीटर का रोप-वे नेटवर्क तैयार होगा, जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर लोगों को पहुंचाएगा।
बसों और बाहनों की नहीं होगी जरूरत
इसमें सवारी करने वालों को फिर बसों या वाहनों की जरूरत नहीं रहेगी। इसी तरह मनाली शहर में जहां पर्यटकों की काफी ज्यादा आवाजाही रहती है, वहां भी रोप-वे नेटवर्क खड़ा होगा। यहां 20 किलोमीटर का रोप-वे नेटवर्क बनाया जाएगा। रोप-वे कारपोरेशन के एमडी अजय शर्मा का कहना है कि प्रोजेक्ट सौंपा जा चुका है, जिसकी मंजूरी का इंतजार है।
पर्यटन सीजन में होती है यातायात समस्या
शिमला शहर में जहां जाम की समस्या आम हो चुकी है और हरेक टूरिस्ट सीजन में यहां जाम आफत बन जाता है के लिए 31 किलोमीटर स्पैन का रोप-वे नेटवर्क खड़ा किया जाना है। इसे भी इसी प्रोजेक्ट में शुमार किया गया है। हाल ही में अधिकारी दिल्ली में इस पर चर्चा कर आए हैं, जिन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार आर्थिक मदद को तैयार होगी। ऐसा होता है तो प्रदेश को एक बेहद महत्त्वाकांक्षी परियोजना हाथ लगेगी, जिससे यहां तीन बड़े शहरों की विकराल समस्या का निदान हो जाएगा।