एफसीए में फंसी 230 सडक़ें; पीडब्ल्यूडी मंत्री बोले, 588 मामलों में से 121 को ही मिला अप्रूवल

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विधायक प्राथमिकताओं की 230 सडक़ें वर्तमान में एफसीए क्लीयरेंस में फंसी हैं। पूर्व परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर के सवाल के जवाब में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा में यह आंकड़ा रखा।

बिक्रम सिंह ने सवाल पूछा था कि एफसीए के मामलों में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि ऐसे प्रोजेक्टों में आपत्तियां एक बार ही लगे, ताकि फाइल बार-बार न घूमती रहे।

जवाब में लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वर्तमान में यदि नाबार्ड के अलावा सभी मामलों को देखें तो वन संरक्षण अधिनियम के साथ मंजूरी के 588 केस लंबित हैं।

इनमें से 156 मामलों में प्रिंसीपल अप्रूवल मिला है और 310 केस अभी लंबित हैं, जबकि फाइनल अप्रूवल सिर्फ 121 मामलों में मिला है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने एफसीएएस क्लियर करने के लिए प्रक्रिया को बदला है।एक प्राइवेट एजेंसी को कंसलटेंट के रूप में हायर किया गया है और वह संबंधित डीएफओ और विभाग के साथ अटैच है। इससे फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों में तेजी आई है।

230 roads stuck in FCA 121 got approval out of 588 cases

पीएमजीएसवाई के लिए केंद्र सरकार को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के दूसरे चरण में लंबित मामलों पर केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है। केंद्र सरकार से एक साल की समयावधि उन मामलों में देने की बात कही गई है, जिनका काम अधूरा छूट गया है।

पीएमजीएसवाई के चरण एक और दो पूरे हो चुके हैं, वहीं तीसरा चरण शुरू हो चुका है। यह बात पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कही है। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में ठेकेदार की वजह से देरी हुई है, उसमें आवश्यक कार्रवाई की गई है। भविष्य में कार्रवाई जारी रहेगी।

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