प्रदेश भर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित करने कार्य शुरू हो गया है। विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद शिमला की ओर से किए जा रहे इस कार्य के लिए तीन करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
जिला सोलन के तीन स्कूलों में से दो में कार्य पूर्ण कर लिया है, जहां पर सोलर से तैयार बिजली का प्रयोग किया जा रहा है।
इसमें इन स्कूलों का बिजली बिल भी जीरो आया है। वहीं, जल्द अन्य स्कूलों में भी यह सुविधा शुरू हो जाएगी। आने वाले दिनों में सभी स्कूलों को में संयंत्र स्थापित हो जाएंगे।
गौर रहे कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवाइरमेंट दिल्ली के वैज्ञानिक योजना (ग्रीन स्कूल)के तहत स्कूलों की छत पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं।
पहले चरण में यह कार्य प्रदेश के चयनित सोलन जिला के तीन स्कूलों में किया गया है। इस योजना से स्कूलों में बिजली बिल में भी कटौती होगी। वहीं, स्कूलों को स्मार्ट बनाने के साथ सोलर ऊर्जा के प्रयोग से बिजली के उपयोग को भी कम किया जाएगा।
जिला सोलन के धर्मपुर स्कूल में लगे सोलर पैनल से जहां पहले स्कूल में बिजली बिल तीन हजार से भी अधिक आता था, वहीं इस पैनल के लगाने से अब बिजली बिल शून्य तक पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त नालागढ़ स्कूल में भी सोलर पैनल से उर्जा का उपयोग किया जा रहा है। – एचडीएम
चयनित स्कूलों में लग रहे सोलर पैनल
जिला विज्ञान पर्यवेक्षक सोलन अमरीश शर्मा ने बताया कि स्कूलों की छत्त पर लगे सोलर पैनल का परीक्षण सफल रहा है, जिसके बाद सोलन के धर्मपुर में नालागढ़ स्कूल में सोलन ऊर्जा का उपयोग शुरू कर दिया है और वहां बिजली बिल जीरो हो गया है। प्रदेश के अन्य चयनित स्कूलों में भी इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।
ये स्कूल सिलेक्ट
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला थुनाग, भराड़ी, रांध्रा, चौंतड़ा, बगसेड़, धर्मपुर, नालागढ़, प्राथा, पांवटा साहिब, नाहन, पुरूवाला, चंबा, भरमौर, बाट, डलहौजी, गुगलाड़ा, ’वाली, खनैरा खास, गंदड़, कुलहेड़ा, डुग्घा, कांगल, खुन्नी, चौपाल, रिकांगपिओ, सांगला, कलरूही, पंजगाईं, डढोल, गाहर में सोलर पैनल पर काम किया जा रहा है।