हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों के लिए एक बार फिर से फ्लैश फ्लड की चेतावनी आई है। मौसम विभाग ने चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, शिमला व सोलन जिलों के लिए अलर्ट किया है।
यहां पर भारी से भारी बारिश हो सकती है जिसके चलते बाढ़ जैसे हालात संभावित है। पिछले कल भी विभाग ने इस तरह की चेतावनी जारी की थी।
राज्य में कुछ जगहों पर ऐसे हालात हुए भी हैं, जहां पर लोग पानी में बह गए। अभी और खतरा मंडरा रहा है जिसे लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी दी है।
मौसम विज्ञान केन्द्र शिमला द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार आठ जिलों में जनता को सावधानी बरतने का परामर्श दिया गया है।
हालांकि राज्य में अगामी दो दिनों के दौरान मानसून की रफ्तार धीमी रहने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है, मगर राज्य में 29 जून को फिर से भारी से बहुत भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में गुरूवार को दोपहर बाद मौसम के मिजाज बदले नजर आए। हालांकि मैदानों सहित पहाड़ों पर कई स्थानों में सुबह के समय धूप खिलनी शुरू हो गई थी।
मगर दिन में आसमान में बादल घिरने लगे थे। दोपहर के समय प्रदेश के कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू व सिरमौर के कई स्थानों पर हल्की बारिश भी रिकॉर्ड की गई है।
बारिश होने से अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई है। अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। आगामी दिनों के दौरान तेज बारिश होने के चलते तापमान में और ज्यादा गिरावट आने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है।
राजधानी शिमला की बात करें तो यहां पर दोपहर तक हल्की धूप खिली मगर दोपहर बाद शहर में धुंध फैल गई। एक वक्त ऐसा लग रहा था मानो बारिश हो जाएगी।
बीते 24 घंटों की बात करें तो मैदानों सहित पहाड़ों पर जमकर बारिश हुई है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन सहित जिला शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में कई स्थानों पर तेज बारिश हुई बताई जा रही है।
तेज बारिश होने के चलते प्रदेश में कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं भी पेश आई जिससे काफी नुकसान हुआ है। 29 जून को फिर से भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केन्द्र शिमला के मुताबिक राज्य में 27 व 28 जून को कई स्थानों पर भारी बारिश होगी जबकि 29 जून को प्रदेश में बहुत भारी बारिश होगी।
30 जून से 2 जुलाई के बीच भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में भारी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में मौसम विज्ञान केन्द्र द्वारा लोगों को नदी-नालों सहित भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने का परामर्श दिया गया है।