हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए बड़ा अवसर मिलने जा रहा है। सरकार मिनी बसें, जो कि 18 सीटर ट्रैवलर होती हैं, को चलाने के लिए बेरोजगार युवाओं को परमिट जारी करेगी।
18 सीटों वाली ट्रैवलर उन सडक़ों पर चलेगी, जहां पर अभी तक कोई बस नहीं जा रही और वहां पर लोगों को परिवहन के लिए जरूरत है। सरकार के इस कदम से बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार भी मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश के सभी आरटीओ को रूट लिस्ट भेजने को कहा गया है। आरटीओ को कहा गया है कि वह ऐसे रूटों की लिस्ट बनाकर भेजें, जिन पर अभी तक बस सेवा नहीं है। वहां पर लोगों की डिमांड आ रही है और उस डिमांड को पूरा करने के लिए ट्रैवलर चलाई जा सकती हैं।
18 सीटर ट्रैवलर कहीं पर भी आसानी से चल सकती है, जिसके लिए बड़ी सडक़ की जरूरत भी नहीं रहती है। प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट में यह निर्णय लिया था कि बेरोजगार युवाओं को ट्रैवलर के रूट परमिट दिए जाएंगे।
कैबिनेट के निर्णय के बाद परिवहन विभाग ने इसकी संभावनाएं देखी हैं और पाया है कि प्रदेश में ट्रैवलर का कारोबार चल सकता है और इससे बड़े पैमाने स्वरोजगार हासिल हो सकता है। इस पर पूरा वर्क आउट किया गया है, जिसके बाद सभी आरटीओ से इस पर जानकारी मांगी है।
एक तरफ ट्रैवलर का मामला है, तो दूसरी तरफ प्राइवेट बस ऑपरेटरों को भी रूट दिए जाने हैं, जिनके लिए आरएलए की बैठकें हो चुकी हैं और अब केवल रूट जारी किए जाने हैं। वे भी इंतजार में हैं, क्योंकि एचआरटीसी ने 107 रूट सरेंडर कर रखे हैंं।
करीब एक महीने से चल रहा यह मामला भी कुछ हद तक सोमवार तक निपट सकता है। अब कितनी संख्या में ट्रैवलर के रूट दिए जाते हैं, यह देखना होगा।