विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा है कि यह विधानसभा के इतिहास का चौथा बड़ा मॉनसून सत्र है, जहां चर्चा के लिए तथा जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय है।
उन्होंने कहा कि यह सदस्यों पर निर्भर करता है कि वे इसका सदुपयोग किस तरह से करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में उन्होंने सत्तापक्ष तथा प्रतिपक्ष से सदन संचालन में रचनात्मक सहयोग मांगा है।
इसके अलावा सदन का अधिक से अधिक समय जनहित तथा प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हेतु उपयोग किया जाए, इसकी उन्होंने विधानसभा के सभी सदस्यों से अपील की है।
सर्वदलीय बैठक की समाप्ति के पश्चात विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र अविलंब चले तथा सदन में महत्वपूर्ण तथा सार्थक चर्चा हो के लिए सर्वदलीय बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। हम जनप्रतिनिधि हैं जनता ने हमें चुनकर भेजा है अत: हमें उनकी अपेक्षाओं तथा अकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए।
कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि उनका पद तटस्थ है अत: उनका दायित्व है कि वे दोनों पक्षों को बराबरी का समय दें, जिसका वह सदैव पालन करते आए हैं।
उन्होंने प्रतिपक्ष से अनुरोध किया है कि वे जनहित तथा प्रदेश हित से संबंधित विषयों पर सत्तापक्ष से प्रश्न पूछे तथा सरकार का भी दायित्व बनता है कि वह सभी प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध करवाएं और सभी सूचनाओं का समयवद्व तथा तथ्यपूर्ण जवाब दें।
इस अवसर बैठक में संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, उप-मुख्य सचेतक हिमाचल प्रदेश सरकार केवल सिंह पठानियां तथा भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक सुखराम चौधरी उपस्थित रहे।
बैठक में सदन के अंदर हर दिन होने वाली कार्यवाही पर चर्चा की गई। कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि इस सत्र में प्राकृतिक आपदा सबसे बड़ा विषय होगा, जिस पर दोनों दल चर्चा करना चाहेंगे, जैसे कि सर्वदलीय बैठक में भी इस विषय पर गंभीर चर्चा होने की बात कही गई है।
पठानियां ने कहा उन्हें आशा है कि दोनों पक्ष गंभीरता के साथ चर्चा करेंगे तथा भविष्य में इस स्थिती से निपटने के लिए कोई ठोस निति और निर्णय लेने का प्रयास करेंगे।
कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि अभी तक कुल 1018 प्रश्नों की सूचनाएं विधानसभा सचिवालय को विधानसभा सदस्यों से प्राप्त हुई हैं जिसमें 815 तारांकित तथा 203 अतारांकित हैं, जबकि नियम 62 के तहत 7, नियम 101 के तहत 4, तथा नियम 130 के तहत 8 सूचनाएं मिली हैं, जिन्हें आगामी कार्रवाई हेतु सरकार को प्रेषित कर दिया गया।