जेओए आईटी भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा अपना निर्णय

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शिमला: जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। याचिकाकर्ता अंकिता ठाकुर और अन्य ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 की भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रिवाइज मेरिट लिस्ट बनाने के आदेश दिए थे।

बाहर किए अभ्यर्थी जहां हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार रिवाइज मेरिट लिस्ट बनाने का इंतजार कर रहे थे, वहीं जेओए आईटी के पद पर नौकरी कर रहे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रिजल्ट रिवाइज के फैसले पर स्टे लगा दिया था।

हिमाचल हाईकोर्ट ने 31 दिसंबर को जेओए के पदों की भर्तियों को लेकर दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को आदेश दिए थे कि वह पोस्ट कोड 556 के विज्ञापन के तहत घोषित सभी पदों को पोस्ट कोड 447 के तहत की गईं भर्तियों के अनुसार करे व मेरिट लिस्ट दोबारा तैयार करें।

Supreme Court reserved its decision in JOA IT recruitment case

हाईकोर्ट ने पोस्ट कोड 817 में शामिल किए गए पोस्ट कोड 556 के बचे हुए पदों को हटाने के आदेश भी दिए थे।

हाईकोर्ट के इस फैसले के पश्चात पोस्ट कोड 556 के तहत बचे हुए 560 पदों की भर्तियां 18 अक्तूबर 2016 के विज्ञापन के तहत सफल अभ्यर्थियों में से ही की जानी हैं। सरकार ने वर्ष 2014 में जेओए के पदों को भरने के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाए थे।

13 फरवरी 2015 को पोस्ट कोड 447 के तहत 1421 पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए। कुछ अभ्यर्थियों ने इन पदों के लिए बनाए भर्ती नियमों में खामियां बताते हुए इन भर्तियों को अदालत में चुनौती दी थी।

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