मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू शुक्रवार को अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगे। वह पहले ही कड़े फैसले लेने की बात कह चुके हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री राज्य के कार्यक्षेत्र में आने वाले कई उपकर या शुल्क लगाकर आमदनी बढ़ाने की दिशा में नए कदम उठा सकते हैं।
इस साल चुनावी वर्ष न होने के कारण बजट के लोकलुभावन होने की संभावना बहुत कम है। हालांकि, मुख्यमंत्री कृषि, पशुपालन जैसे प्राइमरी सेक्टर के घटकों और विनिर्माण क्षेत्र पर ज्यादा फोकस कर सकते हैं। राज्य का यह बजट करीब 55 से 60 हजार करोड़ रुपये के बीच का हो सकता है।
मुख्यमंत्री ठीक 11:00 बजे वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट अनुमानों पर अपना भाषण शुरू करेंगे। इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं कि मुख्यमंत्री इस बजट में क्या खास करने वाले हैं।
मुख्यमंत्री सत्ता संभालने के बाद पिछली जयराम सरकार को आर्थिक बदहाली के लिए लगातार जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। पिछली सरकार पर बेतहाशा कर्ज लेने का आरोप लगा रहे हैं।
ऐसे में इस पर भी सबकी निगाह टिकी है कि वह किस तरह से वित्तीय प्रबंधन करते हैं। पिछली सरकारों का हर साल बजट घाटे का रहता है। इस बार के बजट में कितना घाटा रहेगा, यह भी देखना होगा।
विकास के लिए कितना बजट रहेगा और कर्मचारियों-पेंशनरों पर कितना खर्च होगा, इस पर भी स्थिति स्पष्ट होगी। मुख्यमंत्री लगातार व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आने की बात कह रहे हैं। वह इसके लिए कई कड़े फैसले लेने के अलावा कई नई योजनाओं को भी सामने ला सकते हैं।