प्रदेश का पहला पैराग्लाडिंग स्कूल कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में बन कर तैयार हो गया है। अगले सत्र से यहां पर प्रशिक्षण के लिए कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
करीब दस करोड़ से अधिक राशि से तैयार होने वाले इस संस्थान में पायलटों को अधिकारिक रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा। बता दें कि हर वर्ष आसमान में हजारों मानव परिंदे उड्ते हैं, लेकिन अभी तक न तो इनके लिए किसी तरह का अधिकारिक प्रशिक्षण था और न ही कहीं ट्रेनिंग दी जाती थी।
मात्र पैराग्लाडिंग एसोसिएशन के अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर ही काम चलाया जा रहा है। पहाड़ में अनेक हादसे हो चुके हैं और कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोट्र्स के निदेशक और पर्यटन विभाग के अधिकारी पहली दिसंबर को इस संस्थान की इंस्पेक्शन करेंगे। इस स्कूल भवन का निर्माण पर्यटन विभाग करवा रहा है।
विभाग का दावा है कि दिसंबर माह तक इसका कार्य पूरा हो जााएगा। ऐसे में आगामी सत्र यानी मई या जून में इस संस्थान में कक्षाएं शुरू हो सकती हैं। इससे पैराग्लाडिंग की क्वालिटी में सुधार की अपेक्षा के साथ सुरक्षा की गारंटी बढऩे की भी उम्मीद है।
करीब दस करोड़ से अधिक की धनराशि से बने प्रदेश के पहले पैराग्लाडिंग स्कूल में आध्ुानिक सुविधाएं मिलेंगी। इस संस्थान में गेस्ट फैकल्टी को ठहरने की व्यवस्था, कान्फ्रेंस हाल, क्लास रूम से लेकर तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
तैयारी के बाद पर्यटन विभाग की ओर से इस भवन को अटल बिहारी माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोट्र्स संस्थान को दे दिया जाएगा और एविमास ही यहां पर पैराग्लाडिंग स्कूल का संचालन करने वाला है। एरोस्पोट्र्स से जुड़ी गतिविधियां इसी संस्थान द्वारा चलाई जाती है।
उधर, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान का कहना है कि दिसंबर माह तक भवन निर्माण संबंधी कार्य पूरा कर लिया जाएगा। कार्य अंतिम दौर में चल रहा है।
पहली दिसंबर को इसके लिए इंस्पेक्शन भी रखी गई है। उम्मीद है आने वाले समय में प्रदेश के गुणी व अनुभवी पायलट यहां सेवाएं देंगे। (एचडीएम)