बीबीएमबी-एनएचपीसी पर केस करेगी प्रदेश सरकार

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हिमाचल प्रदेश के पंडोह और पौग से बाढ़ का बड़ा खतरा बरकरार है। पिछले साल भी इन दोनों में बाढ़ आने से हिमाचल का बड़ा नुकसान हुआ था। इस बार भी ऐसा कुछ न हो, इससे पहले दोनों स्थानों पर विशेषज्ञों ने व्यवस्थाओं को परखा है, परंतु वहां पर खामियां ही खामियां हैं।

अभी भी डैम सेफ्टी एक्ट 2021 के अनुसार खामियों को दूर नहीं किया जा सका है, जिससे खतरा बरकरार हे। ऐसे में सरकार ने बीबीएमबी और एनएचपीसी के खिलाफ मामला दायर करने की मंजूरी दे दी है।

ऊर्जा निदेशालय को सरकार ने प्रोजेक्ट इंचार्ज के खिलाफ केस करने की इजाजत दे दी है, जिसके बाद ऊर्जा निदेशालय ने मामला गृह विभाग को भेजा है। गृह विभाग इसमें देखेगा कि कानूनी रूप से किन धाराओं के तहत वह मामला दर्ज कर सकता है।

प्रोजेक्ट के जो भी यूनिट हैड होंगे, उनके खिलाफ यह मामला दायर होगा। बताया जा रहा है कि पार्वती परियोजना, जो कि एनएचपीसी का प्रोजेक्ट है, में भी डैम सेफ्टी एक्ट के तहत सभी तरह की व्यवस्थाएं नहीं की गई हैं।

इन परियोजनाओं से हिमाचल को पहले ही काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ चुका है। हिमाचल सरकार बार-बार डैम सेफ्टी एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिए इन परियोजना प्रबंधकों को कह रही है।

यहां पर हिमाचल के अधिकारियों ने कई बार दौरे किए हैं। इतना ही नहीं, मुख्य सचिव ने कई दौर की बैठकें इनके प्रबंधकों के साथ कर ली हैं, परंतु इनका कोई असर नहीं दिख रहा है।

हाल ही में दोबारा पंडोह प्रोजेक्ट के सभी गेट बंद थे, जिनको शनिवार को ही खोला गया है। इस परियोजना से छोड़े जाने वाले पानी से मंडी शहर को खतरा रहता है।

पंडोह और पौंग से बाढ़ का खतरा बढ़ा

पौंग बांध से पानी छोडऩे पर काफी बड़ा एरिया प्रभावित होता है। पौंग और पंडोह परियोजनाओं में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पर अब तक प्रभावी तरीके से काम नहीं किया गया है, जिससे लोगों को समय पर सूचना नहीं मिल पाए कि कब पानी छोड़ा जा रहा है।

यहां बड़ी संख्या में लोग पहले भी बेघर हो चुके हैं। बहरहाल इस बार व्यवस्थाएं ठीक रहें, इसे जांचने के लिए अधिकारी विशेष रूप से इन प्रोजेक्ट एरिया का दौरा कर चुके हैं।

पार्वती परियोजना का भी दौरा किया गया है, जहां पर कुछ खामियां बताई गई हैं। पंडोह और पौंग में खामियां दूर नहीं हुई हैं। अब देखना होगा कि इनके खिलाफ सरकार द्वारा मामला दर्ज करने के बाद क्या होता है।

एक्ट में कई तरह के प्रावधान हैं, जिनको देखते हुए मामला दर्ज होगा और इसके तहत ही आने वाले समय में कार्रवाई होगी। ऐसा पहली बार होगा कि किसी बड़े पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ नियमों की अवहेलना को लेकर सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी।

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