शिमला : हिमाचल प्रदेश में सरकार तीन मई के बाद सभी सरकारी स्कूल खोलने की तैयारी में है। इसके बीच एक बड़ा फैसला सरकार यह जरूर लेगी कि अभी छात्रों को नहीं बुलाया जाएगा, हालांकि प्रदेश सरकार तीन मई के बाद शिक्षकों व अन्य स्टाफ को जरूर बुलाने की तैयारी में है। पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं 15 मई के बाद शुरू करने का प्रस्ताव है। मंगलवार को प्रदेश सचिवालय में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के साथ हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग में यह सुझाव हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष रखा। फिलहाल केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने साफ किया है कि स्कूल खोलने के लिए अभी तीन मई तक का इंतजार करें। उसके बाद राज्य सरकारों के फैसलों को देखा जाएगा।
अभी बुलाया जाएगा स्टाफ
मंगलवार को प्रदेश सचिवालय में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के साथ हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग में यह सुझाव हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष रखा।
इस दौरान यह भी फैसला लिया गया कि अगर स्थिति सामान्य रही तो शिक्षा विभाग तीन मई के बाद धीरे-धीरे निदेशालयों के स्टाफ को भी 30 से 50 प्रतिशत तक ऑफिस में बुलाएंगे, ताकि शिक्षा के रुके कार्य पूरे हो सकें।
सेक्शन वाइज बुलाए जायेंगे छात्र
इसी तरह वीडियो कान्फ्रेसिंग में एमएचआरडी के सामने शिक्षा मंत्री ने अपना प्लान बताया कि अगर स्कूलों को खोला भी जाता है, तो ऐसी स्थिति में छात्रों को सेक्शन वाइज बुलाया जाएगा.
नवीं से लेकर जमा दो तक के छात्रों को दो सेशन में बुलाया जाएगा, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग में छात्र अपनी पढ़ाई कर सकें। नवीं से 12वीं तक की कक्षाओं को सुबह और शाम की दो शिफ्ट में शुरू किया जाएगा।
9 और 10 की कक्षाएं शाम के सत्र में
नवीं-दसवीं को सुबह और 11वीं-12वीं की कक्षा शाम के सत्र में लगाई जाएगी।॒छठी से 12वीं कक्षा के लिए एक दिन छोड़कर कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इन कक्षाओं में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए एक कक्षा के बच्चों को दो कमरों में बैठाकर पढ़ाया जाएगा।
पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं 15 मई के बाद शुरू करने का प्रस्ताव है। फिलहाल केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने साफ किया है कि स्कूल खोलने के लिए अभी तीन मई तक का इंतजार करें। उसके बाद राज्य सरकारों के फैसलों को देखा जाएगा।
कई हैं चुनौतियां
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (एचआरडी) रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों और स्कूल शिक्षा विभाग के सचिवों के साथ वीडियो कान्फे्रंसिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पूरे देश को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है, जिससे शिक्षा क्षेत्र के लिए विभिन्न चुनौतियां सामने आई हैं।
एचआरडी मंत्रालय विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली लागू कर रहा है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने केंद्रीय मंत्री को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर आधारित प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों से अवगत करवाया।
घर पर मिलेगा राशन
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में ये निर्देश हिमाचल को दिए हैं कि अगर लॉकडाउन आगे बढ़ता है, तो जितने दिन छात्र घर में रहेंगे, उन्हें उतने दिन का राशन घर तक पहुंचाया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों को अलग से बजट जारी करेगी। शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से प्रदेश में चार केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति देने का आग्रह किया।
सीबीएसई के परिणाम को करें इंतज़ार
हिमाचल में लाखों सीबीएसई छात्रों को रिजल्ट के लिए इंतजार करना होगा। लॉकडाउन खत्म होने के बाद सीबीएसई बोर्ड छात्रों के दूसरी बार एग्जाम लेगी। हालांकि केंद्र सरकार ने आदेश दिए है कि अगर लॉकडाउन लंबा जाता है, तो सीबीएसई बोर्ड इंटरनल असेस्मेंट के माध्यम से छात्रों का रिजल्ट निकाले। बता दें कि हिमाचल में सीबीएसई के डेढ़ लाख से ज्यादा छात्रों को रिजल्ट रुका है।
जनगणना में नहीं लगेगी ड्यूटी
केंद्र सरकार के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शिक्षा मंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि अगर शिक्षक इतने लंबे अवकाश के बाद स्कूलों में आते हैं, तो अब उनकी ड्यूटी जनगणना में नहीं लगनी चाहिए। शिक्षा मंत्री का कहना है कि पढ़ाई के लिए बचे इस थोड़े से समय में कोई बाधा न आए, इसीलिए जनगणना से इस बार शिक्षकों को छुटकारा देने में ही भलाई है।