शिमला : पीडब्ल्यूडी ने प्रदेश भर में 60 सडक़ों पर गत 24 घंटे में यातायात बहाल कर लिया है। हालांकि 676 सडक़ें अभी भी ठप हैं और विभाग के नुकसान का आंकड़ा 1588 करोड़ रुपए पहुंच गया है।
गत 24 घंटे के दौरान शिमला जिला में आठ नई सडक़ें बाधित हुई हैं। इनमें से शिमला-किन्नौर नेशनल हाई-वे को करीब 23 घंटे बाद बहाल किया जा सका है।
यह नेशनल हाई-वे बुधवार शाम को भारी भू-स्खलन की वजह से बंद हो गया था। पीडब्ल्यूडी के नेशनल हाई-वे विंग ने यहां भारी मशीनरी की मदद से मार्ग को गुरुवार शाम करीब चार बजे बहाल किया है।
इसके अलावा अन्य सडक़ों पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है। सेब सीजन के बीच ही शिमला में 375 सडक़ें बाधित हैं और इस वजह से बागबान भी चिंतित हैं।
शिमला जोन में पीडब्ल्यूडी को 551 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा मंडी जोन में 212 सडक़ें बाधित हैं, यहां 480 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि कांगड़ा में 81 सडक़ें बाधित हैं और विभाग ने इन सडक़ों के ठप होने की वजह से 140 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया है।
हमीरपुर जोन में नौ सडक़ें बाधित हैं। यहां 184 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान विभाग ने लगाया है। वहीं बिजली बोर्ड को बरसात की वजह से अभी तक 1482 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। बिजली बोर्ड के करीब एक हजार ट्रांसफार्मर अभी भी पूरे प्रदेश में ठप हैं।
जलशक्ति विभाग के 1440 करोड़ डूबे
मौसम की वजह से जलशक्ति विभाग के नुकसान का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। फील्ड से राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में विभाग को 1440 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
अभी भी करीब 20 फीसदी योजनाओं में पानी नहीं आ पाया है। जलशक्ति विभाग को कुल्लू में सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है। यहां अब तक करीब 280 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
सुंदरनगर में 210 करोड़, रोहड़ू में 113 करोड़ रुपए की पेयजल योजनाएं बरसात की भेंट चढ़ चुकी हैं। धर्मशाला में 86 करोड़, चंबा में 86 करोड़ 22 लाख, नरपुर में 43 करोड़ और हमीरपुर में करीब 20 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन अभी तक किया गया है।