महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर में होगी शिव आराधना

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आप सभी को भगवान शिव और पार्वती के पर्व शिवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी शनिवार के दिन पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है।

 

पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाते हैं. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था.

इस वजह से महाशिवरात्रि पर शिव विवाह का आयोजन होता है, मंदिरों में शिव और माता पार्वती का गठबंधन किया जाता है. इस दिन व्रत और पूजा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

महाशिवरात्रि को रात्रि के चार प्रहर में शिव की आराधना की जाती है. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के चार प्रहर की पूजा का मुहूर्त और व्रत पारण का समय.

तिरुपति के ज्योतिषाचार्य  डॉ कृष्ण कुमार भार्गव के अनुसार इस साल 18 फरवरी को रात 08:02 पीएम से फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि लग जाएगी और यह 19 फरवरी को शाम 04:18 पीएम तक मान्य होगी. महाशिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व है, इसलिए महाशिवरात्रि 18 को मनाना उत्तम है.

इस दिन उत्तराषाढा नक्षत्र शाम 05:42 बजे तक है, उसके बाद से श्रवण नक्षत्र होगा. व्यतीपात योग 07:36 पीएम तक है, उसके बाद से वरीयान योग होगा।

इस दिन करण गर 09:51 एएम तक, वणिज 08:02 पीएम तक और विष्टि 06:10 एएम तक 19 फरवरी को है. महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 05:42 पीएम से अगले दिन 06:56 एएम तक है.

शिव भक्त महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही भगवान भोलेनाथ की पूजा प्रारंभ कर देते हैं. महाशिवरात्रि पर पूरे दिन शिवालयों में भक्तों की भीड़ होती है.

इस दिन रात्रि के 4 प्रहर की पूजा भी महत्वपूर्ण होती है. इस साल प्रथम प्रहर की पूजा प्रारंभ शाम 06:13 बजे से होगा.

महाशिवरात्रि पर क्या करें :

  1. महाशिवरात्रि के दिन आप भगवान शिव के साथ माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश जी और नंदी की पूजा करें. ये सभी लोग शिव परिवार का हिस्सा हैं.

  2. महाशिवरात्रि के दिन आप व्रत हैं तो महाशिवरात्रि की व्रत कथा अवश्य पढ़ें या सुनें. बहुत से लोग व्रत रखते हैं लेकिन व्रत कथा नहीं सुनते हैं, इससे आपको व्रत का पूर्ण फल नहीं प्राप्त होगा.

  3. महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा में बेलपत्र और गंगाजल को अवश्य शामिल करें. इन दो वस्तुओं के अर्पण से भगवान शिव प्रसन्न हो जाएंगे।

शिव जी के प्रिय भोग

1.मालपुआ : महाशिवरात्रि के दिन पूजा के समय आप भगवान भोलेनाथ को घर पर देशी घी में बनाए गए मालपुआ का भोग लगाएं. शिवजी को मालपुआ अधिक प्रिय है.

  1. ठंडाई : भगवान शिव की पूजा में भांग का महत्व है. इस दिन आप भांग वाली ठंडाई का भी भोग लगा सकते हैं. इससे महादेव प्रसन्न होकर आपकी मनोकामनाएं पूरी कर देंगे.

3.पंचामृत : महाशिवरात्रि पर पूजा के समय आप भगवान शंकर को भांग और पंचामृत का नैवेद्य भोग के रूप में लगा सकते हैं. यह भी शिवजी का पसंदीदा भोग माना जाता है.

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