शिमला: राज्य में ग्रामीण सडक़ों के विकास का बड़ा अभियान छिडऩे वाला है। मार्च के आखिरी हफ्ते में मंजूर हुए प्रोजेक्ट के टेंडर लगाने की प्रक्रिया लोक निर्माण विभाग ने पूरी कर ली है। इन प्रोजेक्ट को विभाग जल्द ही धरातल पर उतारने जा रहा है।
नाबार्ड से मंजूर 25 प्रोजेक्ट पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। 114.15 करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट से उन ग्रामीण इलाकों को फायदा मिलेगा, जिनमें सडक़ों की हालत खराब बनी हुई थी या फिर जहां अभी तक सडक़ें नहीं पहुंच पाई हैं।
राज्य सरकार की मंजूरी के बाद लोक निर्माण विभाग ने साल के शुरुआत में इन प्रोजेक्ट को नाबार्ड मुख्यालय में मंजूरी के लिए भेजा था। इन प्रोजेक्ट में 150 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सडक़ों का निर्माण होना है।
खास बात यह है कि नाबार्ड के इन प्रोजेक्ट पर 90-10 के अंतर से बजट खर्च किया जाएगा। यानि कुल 114.15 करोड़ रुपए में सिर्फ दस फीसदी हिस्सा ही राज्य सरकार का रहेगा।
इन प्रोजेक्ट के मंजूर होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने राज्य सरकार की मंजूरी से आगामी प्रोजेक्ट के प्रस्ताव भेज दिए हैं। भले ही इन प्रोजेक्ट का काम अप्रैल महीने में शुरू हो रहा हो, लेकिन सभी 25 प्रोजेक्ट की मंजूरी 28 मार्च को मिल गई थी और इन्हें बीते वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल किया गया है।
फिलहाल, सभी 25 प्रोजेक्ट से जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं लोक निर्माण विभाग ने पूरी कर ली हैं और अब इन प्रोजेक्ट के टेंडर लगाकर काम शुरू कर दिया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी साफ कर चुके हैं कि प्रदेश के विकास में धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। प्र्रोजेक्ट केंद्र सरकार को भेजे जा चुके हैं और जल्द ही मंजूरी मिलने की भी संभावना है।
उधर, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि नियमित रूप से नाबार्ड और पीएमजीएसवाई में मंजूरी के लिए प्रोजेक्ट भेजे जा रहे हैं। नाबार्ड में 25 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है।